नई दिल्ली: मणिपुर में कुकी उग्रवादियों के हमले में CRPF के दो जवान शहीद हुए हैं। उग्रवादियों ने मणिपुर के विष्णुपुर जिले के नारनसेना में तैनात सीआरपीएफ जवानों पर हमला किया। शनिवार रात जवान सोए हुए थे और इसका फायदा उठाकर उग्रवादियों ने उन पर हमला कर दिया। मणिपुर पुलिस के अनुसार हमले में जान गंवाने वाले दोनों जवान CRPF की 128 बटालियन के हैं। इनमें एक सब इंस्पेक्टर भी शामिल हैं। अन्य जवान गंभीर रूप से घायल हुए हैं। हमले के समय सब इंस्पेक्टर की मौत हुई थी और तीन जवान गंभीर रूप से घायल थे। इसके बाद गंभीर रूप से घायल एक हेड कॉन्सटेबल की भी मौत हो गई।

चुनाव के दौरान भी हुई थी हिंसा
मणिपुर में लोकसभा चुनाव 2024 के लिए मतदान के दौरान भी काफी हिंसा हुई थी। इसी वजह से चुनाव आयोग ने भीतरी मणिपुर सीट के 11 मतदान केंद्रों पर दोबारा मतदान कराने का फैसला किया था। यहां दो लोकसभा सीटें हैं, लेकिन आयोग ने बाहरी मणिपुर सीट पर दो चरण में मतदान कराने का फैसला किया था। यहां पिछले एक साल से लगातार हिंसा हो रही है और अब उग्रवादियों ने सैनिकों पर भी हमला करना शुरू कर दिया है।

क्या है हिंसा की वजह?
मणिपुर में कुकी, मैतेयी और नागा समुदाय के लोग रहते हैं। राज्य की लगभग 53 फीसदी आबादी मैतेयी समुदाय की है। वहीं, 40 फीसदी आबादी वाले कुकी समुदाय के अधिकतर लोग पहाड़ों में रहते हैं। नागा और कुकी आदिवासी समुदाय हैं। मैतेयी गैर-आदिवासी हैं। कुकी समुदाय लंबे समय से अलग राज्य की मांग कर रहा है, उन्हें मैतेयी लोगों के शासन में रहना पसंद नहीं है। ऐसे में मैतेयी समुदाय ने मणिपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि आबादी में वह ज्यादा हैं, लेकिन अधिकतर संसाधनों पर उनका हक नहीं है। ऐसे में उन्हें एससी का दर्जा मिलना चाहिए। हाईकोर्ट ने उनकी मांग को सही माना और राज्य सरकार से कहा कि मैतेयी समुदाय को एससी का दर्जा दिया जाए। कुकी समुदाय को लगा कि उनका हक छीना जा रहा है और इसके बाद से राज्य में लगातार हिंसा जारी है।

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