कोरिया: बैकुंठपुर एरिया में निरीक्षण की शुरुआत चरचा आरओ वेस्ट माईन से हुई जहां उन्होंने माईन प्लान को देखा तथा उत्पदकता अभिवृद्धि से सम्बंधित बिंदुओं पर चर्चा की । इसके बाद चरचा ईस्ट पहुँचकर उन्होंने कटघोरी शाफ़्ट को देखा तथा उपयोगी टिप्स दिए ।

चरचा सीएचपी अगला पड़ाव था। यहाँ ई एंड एम की टीम को निर्देश देते हुए डॉ मिश्रा ने कहा कि वे मशीनरी और व्यवस्था को और प्रभावी बनाने के लिए योजना बनाएँ।

कटकोना ३/४ एरिया की बंद खदान है । सीएमडी डॉ मिश्रा ने माईन प्लान व प्रोजेक्ट रिपोर्ट के ज़रिए उपलब्ध रिज़र्व, खदान की दिशा, तकनीक आदि का अध्ययन किया तथा इसे पुन: चालू करने के लिए, समयबद्ध तरीक़े से कार्य योजना बनाकर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।

कटोरा सायडिंग में स्टॉक संचय की व्यवस्था का अवलोकन करते हुए उन्होंने मानसून की तैयारी पूरी कर लेने को कहा जिससे कि यहाँ जल जमाव ना हो।
इसके बाद टीम झिलमिली माईन पहुँची । यहाँ माईन प्लान, बेल्ट स्ट्रक्चर का निरीक्षण किया गया ।

पाण्डवपारा यूजी में माईन प्लान देखते हुए उन्होंने वर्किंग डिस्टेंस को कम करने का सुझाव दिया। स्ट्राटा व वर्किंग के विषय में माईन टीम से जानकारी ली।
पूरे विज़िट के दौरान उनका ज़ोर व्यवस्थागत सुधार (systemic improvement) पर था तथा इसके लिए उन्होंने सभी के सुझावों को बड़े ध्यान से सुना।
इसके पूर्व, क्षेत्र पहुँचने के साथ हीं सीएमडी डॉ मिश्रा ने एरिया कोर टीम के साथ बैठक की थी। खदानों के निरीक्षण के उपरांत वे एरिया जेसीसी सदस्यों से मिले तथा देर शाम वित्त विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की ।वे स्थानीय मीडिया से भी मुख़ातिब हुए और उनके प्रश्नों का उत्तर दिया। इस वित्तीय वर्ष बैकुंठपुर क्षेत्र 2.5 मिलियन टन कोयला उत्पादन लक्ष्य की ओर अग्रसर है।

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