Bhopal Metro : के शुभारंभ के बाद पहले दिन यात्रियों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला था, लेकिन यह जोश ज्यादा देर तक कायम नहीं रह सका। सोमवार को मेट्रो में सफर करने वाले यात्रियों की संख्या में साफ गिरावट दर्ज की गई। जहां रविवार को 6 हजार से अधिक लोगों ने मेट्रो का इस्तेमाल किया था, वहीं सोमवार को यह संख्या घटकर करीब 3 हजार रह गई। यात्रियों की संख्या कम होने के पीछे लंबा इंतजार और सीमित संचालन को बड़ी वजह माना जा रहा है।

भोपाल मेट्रो सुभाष नगर से शुरू होकर केंद्रीय विद्यालय, बोर्ड ऑफिस, एमपी नगर, रानी कमलापति रेलवे स्टेशन, डीआरएम ऑफिस, अलकापुरी होते हुए एम्स तक संचालित हो रही है। फिलहाल ऑरेंज लाइन के आठ स्टेशनों पर मेट्रो सेवा दी जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पहले दो दिनों में Bhopal Metro को करीब 89 हजार रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। किराया संरचना के तहत पहले दो स्टेशनों के लिए 20 रुपये, तीन से पांच स्टेशनों के लिए 30 रुपये और छह से आठ स्टेशनों तक के लिए 40 रुपये तय किए गए हैं।

यात्रियों की सबसे बड़ी परेशानी ट्रेन की कम फ्रीक्वेंसी है। मेट्रो के लिए यात्रियों को औसतन 75 मिनट तक इंतजार करना पड़ रहा है। इसका कारण यह है कि फिलहाल मेट्रो केवल एक ही ट्रैक पर संचालित हो रही है। अधिकारियों के अनुसार अभी डाउन ट्रैक यानी सुभाष नगर से एम्स तक ही मेट्रो चल रही है, जबकि अप ट्रैक पर संचालन शुरू नहीं हुआ है। दोनों दिशाओं की ट्रेनें एक ही ट्रैक का उपयोग कर रही हैं, जिससे वेटिंग टाइम बढ़ गया है।

इसके साथ ही मेट्रो में नियमों को लेकर सख्ती भी की गई है। बेवजह इमरजेंसी बटन दबाने पर 10 हजार रुपये तक जुर्माना लगाया जाएगा। वहीं स्टेशन या ट्रेन में थूकने पर 200 से लेकर 10,000 रुपये तक का जुर्माना तय किया गया है। कुल मिलाकर, Bhopal Metro की शुरुआत भले ही उम्मीद भरी रही हो, लेकिन यात्रियों की सुविधा बढ़ाने के लिए संचालन व्यवस्था में सुधार जरूरी माना जा रहा है।

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