नई दिल्ली: ओडिशा में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक और बड़ी कार्रवाई सामने आई है। ओडिशा विजिलेंस विभाग ने टाटा पावर सेंट्रल ओडिशा डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (TPCODL) के एक एग्जीक्यूटिव इंजीनियर तुषारकांत राय को 20,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। यह रिश्वत एक ठेकेदार से ट्रांसफॉर्मर की फाइनल इंस्पेक्शन रिपोर्ट देने के बदले में ली जा रही थी।

क्या है मामला?

जानकारी के अनुसार, एक इलेक्ट्रिकल कॉन्ट्रैक्टर ने शिकायत दर्ज कराई थी कि तुषारकांत राय पिछले दो महीनों से उसकी फाइनल इंस्पेक्शन रिपोर्ट नहीं दे रहे थे, जो एक अपार्टमेंट बिल्डिंग में लगाए गए ट्रांसफार्मर से जुड़ी थी। यह रिपोर्ट मिलने के बाद ही ठेकेदार को अपने बिल का भुगतान मिल सकता था।बार-बार अनुरोध करने के बावजूद रिपोर्ट नहीं दी जा रही थी। इसके बजाय, राय ने 20,000 रुपये की रिश्वत की मांग की। मजबूर होकर ठेकेदार ने ओडिशा विजिलेंस विभाग से संपर्क किया।

शिकायत के बाद विजिलेंस टीम ने पूरी योजना तैयार की। बुधवार देर रात तुषारकांत राय ने ठेकेदार को अपने घर बुलाया और बाहर एक पार्क में पैसे देने को कहा। जैसे ही ठेकेदार ने रिश्वत की राशि उन्हें सौंपी, वहां पहले से मौजूद विजिलेंस की टीम ने उन्हें रंगे हाथ पकड़ लिया। रिश्वत का 20,000 रुपये का पैसा उनके पास से बरामद कर जब्त कर लिया गया है।रिश्वत लेते पकड़े जाने के बाद विजिलेंस टीम ने तुषारकांत राय से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की। यह तलाशी पूरी रात चलती रही और सुबह तक राय के घर से 9,53,200 नकद बरामद किए गए, जिन्हें मौके पर जब्त कर लिया गया।

इस पूरी कार्रवाई के बाद भुवनेश्वर विजिलेंस पुलिस स्टेशन में मामला संख्या 21 दिनांक 24.09.2025 के तहत भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम, 2018 की धारा 7 के तहत केस दर्ज किया गया है। फिलहाल, इस मामले की जांच जारी है, और यह भी देखा जा रहा है कि राय पहले से किसी अन्य भ्रष्टाचार गतिविधि में शामिल रहे हैं या नहीं।

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