रायपुर। DKS सुपर स्पेशलिटी अस्पताल से प्रदेश के इकलौते न्यूरोलॉजिस्ट के इस्तीफे ने स्वास्थ्य व्यवस्था को झकझोर दिया है। अचानक हुए इस इस्तीफे के बाद न केवल DKS, बल्कि प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल मेकाहारा (अंबेडकर अस्पताल) का न्यूरोलॉजी विभाग भी पूरी तरह खाली हो गया है। अब पूरे छत्तीसगढ़ में सरकारी स्तर पर न्यूरोलॉजी उपचार ठप हो गया है।

सूत्रों के मुताबिक, वरिष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट ने लंबे समय से वेतन वृद्धि और पदोन्नति की मांग की थी, लेकिन बार-बार अनदेखी और सिर्फ आश्वासनों के बाद उन्होंने इस्तीफा देने का निर्णय लिया। डॉक्टर का कहना था कि काम का दबाव लगातार बढ़ रहा था, लेकिन उन्हें न तो वित्तीय सहयोग मिला, न ही पेशेवर सम्मान। आखिरकार उन्होंने इस प्रणाली से अलग होने का फैसला कर लिया।

DKS और मेकाहारा में हर दिन माइग्रेन, मिर्गी, स्ट्रोक, पैरालिसिस, पार्किंसन और अल्जाइमर जैसी बीमारियों से जूझ रहे सैकड़ों मरीज इलाज के लिए आते हैं। लेकिन अब न्यूरोलॉजिस्ट की अनुपस्थिति से मरीजों की परेशानियां बढ़ गई हैं। कई मरीज इलाज के लिए महंगे निजी अस्पतालों का रुख कर रहे हैं, जबकि आर्थिक रूप से कमजोर मरीज बिना इलाज घर लौटने को मजबूर हैं।

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