बलरामपुर: इंजीनियरिंग एवं मेडिकल में छात्रों को चयन के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने के उद्देश्य से स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा स्वामी आत्मानंद कोचिंग योजना का शुभारंभ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वर्चुअल माध्यम से अपने निवास कार्यालय से किया। इस अवसर पर स्कूल शिक्षा मंत्री रविंद्र चौबे एवं विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। इस योजना में ख्याति प्राप्त एलन कैरियर इंस्टिट्यूट के विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रदेश के शासकीय स्कूलों में अध्यनरत 12वीं के मेधावी छात्र-छात्राओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की निःशुल्क कोचिंग करायी जाएगी। इस दौरान छत्तीसगढ़ शासन व एलन इंस्टिट्यूट के मध्य एम.आ.ेयू. पर हस्ताक्षर किया गया। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने स्वतंत्रता दिवस समारोह में शासकीय स्कूलों में कक्षा 12वीं के मेधावी विद्यार्थियों के लिए इंजीनियरिंग तथा मेडिकल पाठ्यक्रम की प्रवेश परीक्षा हेतु ऑनलाइन कोचिंग योजना शुरुआत करने की घोषणा की थी। जिले से इस कार्यक्रम में संयुक्त कलेक्टर एवं प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी श्रीमती रूचि शर्मा, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी हरिशंकर सिंह तथा छात्र-छात्राएं वर्चुअल रूप से जुड़े रहे।
स्कूल शिक्षा विभाग की स्वामी आत्मानंद कोचिंग योजना के अनुसार प्रदेश के कक्षा 10वीं और 12वीं में अध्यनरत विद्यार्थियों को जिले के समस्त विकासखण्ड में ऑनलाईन कोचिंग दी जाएगी। इस कोचिंग योजना के लिए अभी तक जिले में नीट के लिए हिन्दी एवं अंग्रेजी माध्यम के कुल 111 छात्र एवं 220 छात्राओं तथा जेईई के लिए 65 छात्र एवं 19 छात्राओं ने पंजीयन कराया है। शासन द्वारा संचालित निःशुल्क कोचिंग योजना से विद्यार्थियों के सपनों को नई दिशा मिलेगी। स्वामी आत्मानंद कोचिंग योजना में मेरिट क्रम में विद्यार्थियों का चयन किया जाएगा। विद्यार्थियों को संबंधित विकासखण्ड के शासकीय स्कूलों में कक्षा 12वीं का नियमित छात्र होना अनिवार्य होगा। विकासखंड मुख्यालय के स्कूलों में कक्षा 12वीं में जीव विज्ञान तथा गणित संकाय में अध्ययनरत विद्यार्थी ही इस योजना के पात्र होंगे। एससीईआरटी रायपुर से ऑनलाइन कक्षाएं प्रातः 8ः30 बजे से 10ः00 बजे तक और शाम को 4ः00 बजे से 7ः00 बजे तक कक्षाएं संचालित की जाएंगी। जिसके लिए विषय विशेषज्ञ नोडल अधिकारी एवं प्राचार्य को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं।


संयुक्त कलेक्टर एवं जिला शिक्षा अधिकारी रुचि शर्मा ने बताया कि विद्यार्थियों का नियमित आंकलन तथा शिक्षकों की कक्षाओं के अध्यापन का भी अवलोकन किया जाएगा। योजना के संबंध में पालकों का फीडबैक भी लिया जाएगा। ऑनलाइन कक्षाओं की यह विशेषता रहेगी कि यह टू-वे संवाद रहेगा अर्थात विद्यार्थी विषय विशेषज्ञों से प्रश्न पूछ सकेंगे। जेईई व नीट के लिए अलग-अलग कक्षाएं जिले में संचालित आत्मानंद विद्यालय एवं अन्य विद्यालय में संचालित किये जाएंगे। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन कोचिंग प्रदाता संस्थान विद्यार्थियों के रिपोर्ट कार्ड का विश्लेषण, विद्यार्थियों का फीडबैक, पालकों का फीडबैक तथा सघन मॉनिटरिंग हेतु मॉनिटरिंग अधिकारी भी नियुक्त किये गये हैं। इस दौरान शर्मा ने उपस्थित छात्र-छात्राओं से नीट और जेईई के संबंध में प्रश्न पूछ कर उनके भविष्य के लिए मार्गदर्शन दिया। साथ ही छात्र-छात्राओं को योजना का लाभ उठाते हुए अपने भविष्य को बेहतर बनाने की बात कही।

नीट की तैयारी कर रही स्वामी आत्मानंद 12वीं की छात्रा कनिका लकड़ा ने बताया कि हमारे जिले के लिए यह कोचिंग सुविधा बहुत ही उपयोगी साबित होगा। क्योंकि जिले में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने के लिए कोचिंग संस्थानों का अभाव है। यदि हम चाहें तो भी हमें प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी हेतु बिलासपुर, रायपुर, दुर्ग जैसे बड़े शहरों पर निर्भर रहना पड़ता है। ऐसे में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर इस कोचिंग योजना से दूरस्थ अंचलों में निवासरत मेधावी छात्र-छात्राओं के सपनों को उड़ान मिलेगी। इसके साथ ही समय और पैसे की बचत के साथ बेहतर भविष्य के निर्माण में मार्गदर्शन मिलेगा, जिसके लिए कनिका ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और जिला प्रशासन का अभार व्यक्त किया।

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