नारायणपुर: छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में गुरु और शिष्य के रिश्ते को कलंकित करने वाला मामला सामने आया है। शिक्षा के मंदिर में हैवानियत की हदें पार कर जहां एक स्कूल के तीन शिक्षकों के द्वारा आठ नाबालिक बच्चों के साथ अश्लील हरकतें कर बच्चों का मानसिक शोषण किया गया है। सरकारी स्कूल के तीनों गुरूजी के किस्से सुनकर लोगों का कलेजा कांप रहा हैं।सातवीं और आठवीं कक्षा में अध्यनरत बच्चियों के साथ हेडमास्टर समेत दो मास्टरो के द्वारा पिछले कई महीनो से छात्राओं के साथ अमर्यादित व्यवहार उनका शोषण किया जा रहा था। इधर मामले का खुलासा होने के बाद तीनों शिक्षक फरार हो गए हैं। हालांकि मामला का खुलासा होने के बाद पुलिस और महिला बाल विकास विभाग के बीच हाई वोल्टेज ड्रामा चल रहा है।इस वजह से संबंधित शिक्षकों पर एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। अब प्रशासन के द्वारा फिर से जाँच कराने के बाद कार्रवाई करने की बात कही जा रही हैं।

सत्ता पक्ष के बड़े नेताओं से जुड़े आरोपी शिक्षकों पर कार्रवाई नहीं होने से प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने घटना की जांच के लिए तीन सिटिंग एमएलए के साथ आठ सदस्य टीम का गठन कर मामले को हाई प्रोफाइल बना दिया है। महिला विधायकों की टीम संबंधित गांव का दौरा कर पीड़ित बच्चियों और परिजनों से मुलाकात कर अपना जांच प्रतिवेदन प्रदेश कांग्रेस कमेटी को देंगी। इस मामले को लेकर जिला कांग्रेस कमेटी और गोंडवाना समन्वय समिति के द्वारा कलेक्टर और एसपी को ज्ञापन सौंप कर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की गई है।

हाई प्रोफाइल मामले को लेकर कलेक्टर विपिन मांझी ने एसडीएम की अध्यक्षता में एक जांच टीम का गठन किया है. जांच टीम के प्रतिवेदन के बाद अब पुलिस मामले की अग्रिम कार्रवाई करने की बात कह रही है। बाल कल्याण समिति के प्रतिवेदन को दरकिनार कर एसडीएम की अगुवाई में जांच टीम के प्रतिवेदन पर कार्रवाई करने की बात सामने आने से जांच टीम पर सवाल उठ रहे हैं। आदिवासी समुदाय के लोग और कांग्रेस के जनप्रतिनिधि जिला प्रशासन की कार्रवाई पर प्रश्न चिन्ह लगा रहे हैं।

संवेदनशीलता से जांच होगी
एसपी प्रभात कुमार ने कहा कि एडका थाना क्षेत्र में कुछ शिक्षको के खिलाफ बालिकाओं के द्वारा दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाने का मामला संज्ञान में आया है। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए कलेक्टर ने एक जांच टीम बनाई है।जांच टीम में एसडीएम और महिला अधिकारियों को रखा गया है। जांच प्रतिवेदन के आधार पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। कांग्रेस के जांच दल ने उक्त मामला को रखा है। जल्द ही वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।

कलेक्टर द्वारा गठित जाँच समिति सम्बंधित गाँव तक नहीं गई हैं। बच्चियां और परिजन दहशत के माहौल में हैं।बच्चियां डरी सहमी हैं। पीड़ित बच्चियों और परिजनों से मिलने के बाद हमने कड़ी कार्रवाई करने के लिए एसपी के समक्ष मामले को संज्ञान में लाया है। छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में अमाननीय घटना हुई हैं। हेड मास्टर से लेकर मास्टर तक बच्चों को शोषण कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ में बहुत ही दुखदाई घटना हुई हैं। इस अमानवीय घटना की कड़ी निंदा करते हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा जाँच कर प्रतिवेदन कलेक्टर और एसपी को दे दिया गया हैं।

घटनाक्रम पर एक नजर

26 फरवरी -एक NGO बच्चियों से काउंसलिंग के लिए स्कूल गई थी वहां पर आठवीं की एक बच्ची ने अपनी आपबीती बताया।

27 फरवरी – NGO ने महिला एवं बाल विकास विभाग के संज्ञान में मामले को लाया।

28 फरवरी – बाल कल्याण समिति की टीम स्कूल जाकर बच्चियों से कथन लेकर आई।

1 मार्च – CWC ने DM,SP,DEO और TI को प्रतिवेदन देकर FIR दर्ज करने को कहा।

2 मार्च – एडका थाना में बाल कल्याण समिति की टीम थाना गई वहां खानापूर्ति कर लौटा दिया गया।

4 मार्च – कार्यक्रम अधिकारी समेत बाल कल्याण समिति की टीम को दोपहर से रात 11 बजे तक थाना में बिठाने के बाद बैरंग लौटा दिया गया।

4 मार्च -जिला कॉग्रेस कमेटी ने कलेक्टर और एसपी को ज्ञापन देकर कार्रवाई करने की मांग किया।

4 मार्च – गोंडवाना समाज समन्वय समिति के द्वारा SP और DM को ज्ञापन देकर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की गई।

5 मार्च – एडका थाना से पत्र भेजकर जाँच उपरांत कार्रवाई करने की बात कही गई।

6 मार्च -PCC ने जाँच के लिए समिति का गठन किया।

9 मार्च – आठ सदस्य टीम नारायणपुर आकर घटना की जाँच कर लौट गई।

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