दंतेवाड़ा। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ द्वारा विजयादशमी एवं संघ के स्थापना दिवस के अवसर पर परंपरानुसार आज शस्त्र पूजन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर संघ वक्ताओं ने शस्त्र पूजन का महत्व विस्तार से समझाया। शस्त्र पूजन के आयोजन में बाल स्वयंसेवकों की संख्या बहुतायात थी। बड़ी संख्या में स्वयं सेवक भी विजयादशमी उत्सव एवं शस्त्र पूजन कार्यक्रम में शामिल होने गायत्री मंदिर परिसर हॉल में एकत्र हुए थे।

गौरतलब है कि प्रत्येक वर्ष विजायादशमी पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ द्वारा शस्त्र पूजन का आयोजन किया जाता है इसी कड़ी में मंगलवार को विजयादशमी के शुभ अवसर पर नगर के गायत्री मंदिर में सुबह 7 बजे से 8 बजे तक शस्त्र पूजन का आयोजन किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में बाल स्वयं सेवक भी उपस्थित हुए। इस दौरान भारत मां, आरएसएस के संस्थापक डॉ० केशव राव बलिराम हेडगवार और द्वितीय सरसंघ चालक माधवराव सदाशिवराव गोलवरकर की तस्वीर के सामने शस्त्र रखकर पुष्प चढ़ाकर पूजन किया गया। शस्त्र पूजन उपरांत स्वयं सेवकों को संबोधित करते विभाग सह कार्यवाह कैलाश सोनी ने कहा कि आरएसएस वर्ष में कुल 6 उत्सव मनाता है।

विजयादशमी उसमें से एक है। यह पर्व असत्य पर सत्य की जीत और अंधकार पर प्रकाश की विजय का द्योतक है। संघ पर संक्षिप्त परिचय देते श्री सोनी ने बताया कि विजयादशमी के दिन ही डॉ० केशव राव बलिराम हेडगवार ने 1925 में नागपुर में संघ की स्थापना की थी। आज संघ के स्थापना के 98 वर्ष हो चुका है। उन्होंने कहा कि विजयादशमी पर शक्तिरूपा दुर्गा, काली की पूजा के साथ शस्त्र पूजा की परंपरा हिंदू धर्म में लंबे समय से रही है। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम भारतीय जनमानस की आत्मा हैं। भगवान राम ने आज ही के दिन असत्य पर सत्य की जीत हासिल किया था। विजयादशमी पर शस्त्र पूजन की परंपरा को आरएसएस ने जीवंत रखा है। उन्होंने कहा कि मनुष्यत्व ही हिंदुत्व है, और हिन्दुत्व ही राष्ट्रीयत्व है। शस्त्र पूजन के दौरान संतोष महापात्र ( जिला सह संघ चालक) वेणु गोपाल (नगर संघ चालक) अंकुर भदौरिया (नगर कार्यवाह) शुभम साहू (सह नगर कार्यवाह) मिश्रिलाल झाड़े (विभाग सामाजिक सदभाव प्रमुख) दीपक पाल (नगर व्यवस्था प्रमुख) मनिश (खण्ड व्यवस्था प्रमुख) योगेश राय (सेवा प्रमुख) रेखराम साहू (बौद्धिक प्रमुख) चंद्रकांत सिंह क्षत्रीय ( विहिप कार्यकारी अध्यक्ष) संतोष चौहान, रूपेंद्र वासुदेवा, मोहन भदौरिया, विमल दिक्षित, आदि स्वयं सेवक मौजूद थे। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर धाकड़ समाज प्रमुख पारस ठाकुर भी मंचासीन थे।

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