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बलरामपुर के ग्राम पंचायतों क़ो 15वें वित्त मद में मिले रुपए से सरकारी भवनों में पेयजल पहुंचाने के नाम पर गड़बड़ी का तैयार हो चुका है पिच, सूरजपुर जिले में हो चुका है विरोध 

 बलरामपुर। बलरामपुर जिले सहित राजपुर ब्लाक के सभी पंचायत में 15वें वित्त मद की राशि में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की तैयारी है। पंचायतों मे  बने सरकारी भवनो के पास हैण्डपंप में एक एचपी का समरसिबल पंप लगाकर उसे 1 हजार लीटर वाली पानी टंकी तक जोड़ने का काम किया जा रहा है। जिसमें 25-30 हजार रुपए खर्च आ रहा है लेकिन इंजीनियरो व अफसरों से मिलीभगत क़र उसका एस्टीमेट 85 हजार रुपए से अधिक बनाकर दो करोड़ से अधिक राशि में फेराफेरी की तैयारी है। हद तो यह है कि सभी पंचायतों में एक ही फर्म के द्वारा काम किया जा रहा है और इसके लिए कोई टेंडर भी जारी नहीं हुआ है जबकि इतने बड़े काम के लिए टेंडर की जरूरत है।


पड़ताल में खुलासा हुआ है कि बलरामपुर जिले सहित राजपुर ब्लाक में 15वें वित्त मद की राशि पंचायतों के खाता में आने के साथ ही उसमें गड़बडी की तैयारी कर ली गई थी। कई पंचायत में इस मद से पेयजल के लिए हैण्डपंप, कुआं बँधान सहित दूसरे पेयजल स्तोत्र विकसित किए जा सकते थे लेकिन एक फर्म ने इसके लिए अफसरों से सेटिंग किया और प्लानिंग की गई कि सभी पंचायत के आंगनबाड़ी भवन, पंचायत भवन, स्कूल भवन के पास स्थित हैण्डपंप में समरसिबल पंप लगाकर उससे भवन में टंकी रखकर वहां पानी पहुंचाया जाए और टंकी से पानी सप्लाई नल के माध्यम से वहां ही उसके कनेक्शन दिए जाएं। इसमें अधिकतम लागत 30 हजार आई, लेकिन 15वें वित्त मद की राशि में गड़बड़ी करने 80-90 हजार के बीच का एस्टीमेट बनवाया गया ताकि अब उसका कई पंचायत में इंजीनियर ने मूल्यांकन भी कर दिया है। इसमें पंचायत के सरपंच व सचिवों की मिलीभगत से इसलिए इंकार नहीं किया जा सकता क्योंकि उनके द्वारा प्रस्ताव व फर्म के बिल पर हस्ताक्षर करने के बाद ही उन्हें भुगतान किया जाएगा।

राजपुर के अलावा अन्य ब्लाको में भी किया जा रहा है

सूरजपुर जिले के प्रतापपुर जनपद में भी इस तरह की गड़बडी की बात सामने आई थी लेकिन वहां सरपंचो ने ही इसका विरोध किया था और उसमें कलेक्टर ने हस्तक्षेप कर भुगतान पर रोक लगा दिया था, अब इसी तरह की गड़बड़ी राजपुर के अलावा अन्य ब्लाको में भी किया जा रहा है। वहीं इंजीनियर ने जो एस्टीमेट तैयार किया था उसके हिसाब से सामान नहीं लगाया गया है। एस्टीमेट के हिसाब से न तो डेढ़ एचपी का समरसिबल पंप है और न ही बेसिन लगाया है। फाइबर का नल लगा दिया है जो टूट रहा है।

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