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नई दिल्ली, एजेंसी। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में बुधवार से विधानसभा व विधान परिषदों के पीठासीन अधिकारियों का सम्मेलन शुरू होने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को वर्चुअली संबोधित कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, लोकतंत्र भारत के लिए महज सरकार चलाने की व्यवस्था नहीं बल्कि स्वभाव है।उन्होंने कहा, मेरा एक विचार ‘वन नेशन वन लेजिस्लेटिव प्लेटफार्म’ का है। एक ऐसा पोर्टल जो न केवल हमारी संसदीय व्यवस्था को जरूरी तकनीकी बढ़ावा दे, बल्कि देश की सभी लोकतांत्रिक इकाइयों को जोड़ने का भी काम करे।सम्मेलन में संसद व विधानमंडलों में सदन कैसे सुचारु रूप से चलें, जनहित का किस तरह से ध्यान रखा जाए और सरकारों की जवाबदेही कैसे तय की जाए, इन मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, हिमाचल के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री के अलावा विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष भी सम्मेलन में भाग लेंगे। पीठासीन अधिकारियों का सम्मेलन हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में 17 नवंबर और 18 नवंबर को होने जा रहा है। अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन (एआईपीओसी) का यह 82वां संस्करण है। सम्मेलन की अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला करेंगे। लोकसभा स्पीकर ने बताया कि सम्मेलन में राज्यसभा के उपसभापति और सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पीठासीन अधिकारी शामिल होंगे। बैठक में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर भी शामिल होंगे। इसके साथ ही कई केंद्रीय मंत्री भी इसमें भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल सम्मेलन का समापन करेंगे। बिरला ने कहा, ‘बैठक में लोकसभा, राज्यसभा और राज्य विधानसभा एवं विधान परिषद को सशक्त बनाने के तरीकों पर चर्चा की जाएगी।’ उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन में पीठासीन अधिकारियों के अधिकारों और जिम्मेदारियों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।

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