

मोतिहारी. शनिवार की रात मोतिहारी जिले के पंचपोखरिया गांव में ऐसा मंजर देखने को मिला जिसने पूरे इलाके को दहला दिया। गांव के लोग अपने-अपने घरों में चैन की नींद सो रहे थे, तभी अचानक एक घर में सामान टूटने की आवाज गूंजी। सबसे पहले सतृढ़न राम की नींद टूटी। वे बाहर निकले तो देखा कि कुछ लोग मुंह बांधे खड़े हैं। उन्होंने हिम्मत दिखाकर एक को पकड़ने की कोशिश की, लेकिन तभी बाकी साथी आ धमके। हाथों में रॉड और डंडे लिए वे टूट पड़े और सतृढ़न को बुरी तरह पीट डाला।
थोड़ी ही देर बाद घर के मालिक रामचंद्र राम भी बाहर निकले। बाहर आते ही नकाबपोशों ने उन्हें जकड़ लिया और बेरहमी से मारने लगे। पूछताछ शुरू हुई—“पैसा और जेवर कहाँ है?” इसी बीच उनकी भाभी ने खिड़की से झाँका। डकैतों ने देख लिया और उसे भी घसीटकर बाहर निकाल लाए। उसके कान में पहना जेवर नोच लिया, जिससे कान फट गया। पास ही दुखी देवी जैसे ही बाहर आईं, उनके गहने भी छीन लिए गए और उन्हें एक कमरे में बंद कर दिया गया।
डकैतों का यह तांडव यहीं नहीं थमा। वे एक-एक करके बारह कमरों का ताला खुलवाते रहे। कोई विरोध करने की कोशिश करता तो उसे पीटा जाता। महिलाएं रोती-गिड़गिड़ाती रहीं, मगर बदमाशों पर कोई असर नहीं हुआ। जयप्रकाश राम के घर में भी डकैत घुसे। उनकी पत्नी रोते हुए कहती रही—“जो भी सामान लेना है ले जाइए, लेकिन मेरे पति को मत मारिए।” मगर डकैत बार-बार गोली मारने की धमकी देते रहे और लूटपाट जारी रखी।
गांव वालों को सबसे ज्यादा दुःख इस बात का है कि जिस घर में यह घटना हुई, वह जगह दो एसएसबी कैंप से सिर्फ एक किलोमीटर दूर है। इसके बावजूद सुरक्षा बलों को भनक तक नहीं लगी। करीब आधे घंटे बाद महुआवा थाना पुलिस पहुंची और घटनास्थल से एक रॉड और डंडा बरामद किया।
सुबह होते-होते एसएसबी और पुलिस डॉग स्क्वॉड के साथ मौके पर पहुँची और जांच शुरू की। मोतिहारी एसपी स्वर्ण प्रभात ने भरोसा दिलाया है कि पुलिस रात-दिन छापेमारी कर रही है और दोषियों को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।























