रायपुर: सिलेंडरों की सब्सिडी पाने के लिए लोगों को गैस एजेंसियों में जाकर हर हाल में 31 मई तक अपना सत्यापन करवाना है। तय समय के बाद भी केवाईसी नहीं कराने वालों के गैस कनेक्शन भी ब्लॉक हो सकते हैं। केंद्र सरकार की ओर से पिछले साल से यह काम जारी है। लेकिन बताया जा रहा है कि केवाईसी कराने का काम अभी भी 60 फीसदी पूरा नहीं हुआ है। इसलिए पेट्रोलियम कंपनियों ने लोगों से अपील करते हुए कहा है कि वे 31 मई तक केवाईसी करवा लें। इसके बाद सत्यापन कराने वालों को कई तरह की परेशानी होना तय है।

कंपनियों ने साफ कह दिया है कि इस काम को गंभीरता से लें, नहीं तो जून से सिलेंडर मिलने में दिक्कत आएगी। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय ने पिछले साल नया आदेश जारी कर कहा था कि जिन लोगों के नाम से सिलेंडर है उन्हें गैस एजेंसी में जाकर बताना होगा कि सिलेंडर लेने वाले वहीं हैं। पहले इसके लिए समय सीमा तय नहीं की गई थी, लेकिन अब 31 मई तक का समय दिया गया है।इस सत्यापन के लिए लोगों से उनका आधार कार्ड मंगवाया जा रहा है। गैस एजेंसियों को ई-केवाईसी करने के लिए मशीन भी दी गई है। इसमें उन लोगों को अंगूठे का निशान लगाना है जिनके नाम से गैस कार्ड है। केंद्र सरकार की ओर से जारी नए नियम के अनुसार जो लोग ई-केवाईसी नहीं कराएंगे उन्हें सस्ता सिलेंडर या सिलेंडर में मिलने वाली सब्सिडी नहीं मिलेगी। इसलिए किसी भी तरह की परेशानी से बचने के लिए तुरंत केवाईसी करवा लें।केंद्र सरकार के नए नियम से फर्जी दस्तावेज देकर सिलेंडर लेने वालों के सिलेंडर ब्लॉक हो जाएंगे। उनकी ऑनलाइन बुकिंग ही नहीं होगी। नए नियम के तहत यह साफ हो गया है कि किसी भी घर में एक ही नाम से दो से ज्यादा सिलेंडर हैं तो दूसरा सिलेंडर ऑटोमेटिक ब्लॉक हो जाएगा।

यानी एक घर में एक नाम से केवल एक ही सिलेंडर होगा। केंद्र सरकार ऐसे सभी कनेक्शन को ब्लॉक करना चाहती है जो अवैध तरीके से लिए गए हैं। ऐसे लोगों की पहचान करने के लिए ही केंद्र सरकार ने यह नियम लागू किया है। इसके अलावा एक ही घर में कई सिलेंडर रखने वालों पर भी सख्ती होगी। ऐसे कनेक्शनों की जांच के लिए भी गैस एजेंसियों से कहा गया है।

गैस एजेंसियों में ऐसे होगी ई-केवाईसी

• अपनी गैस एजेंसी से ई-केवाईसी का आवेदन प्राप्त करना है।

• सभी दस्तावेजों की फोटो कॉपी के साथ वापस जमा करना है।

• एजेंसी वाले आपके फिंगर प्रिंट्स को स्कैन कर केवाईसी करेंगे।

उज्जवला योजना के तहत बीपीएल सदस्य के खाते में 372 और आम लोगों को 61 रुपए सब्सिडी के तौर पर वापस मिलते हैं। उज्जवला योजना वालों को भी गैस एजेंसियों में जाकर अपना सत्यापन करवाना है। इसके लिए उन्हें गैस उपभोक्ता नंबर, एड्रेस प्रूफ के तौर पर आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, लीज एग्रीमेंट, वोटर आईडी कार्ड जैसे दस्तावेज के अलावा एक प्रमाण पहचान प्रमाण पत्र के तौर पर आधार कार्ड, पासपोर्ट, पैन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, राज्य या केंद्र द्वारा जारी किया गया कोई भी आइडेंटी कार्ड या ड्राइविंग लाइसेंस की फोटो कॉपी जमा करनी होगी।

बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन करवाने का बड़ा फायदा यह होगा कि सिलेंडरों की होने वाली कालाबाजारी बहुत हद तक कम हो जाएगी। जिससे जरूरतमंद लोगों को सही समय पर सिलेंडर मिलेगा।

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