बलरामपुर: कलेक्टर राजेन्द्र कटारा के निर्देशन एवं जिला पंचायत सीईओ  नयनतारा सिंह तोमर के मार्गदर्शन में जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा जिला मुख्यालय में स्थित आडोटेरियम भवन में बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के तहत् जिलें के समस्त बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारियों एवं सर्व संबंधितों का एक दिवसीय जिला स्तरीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला आयोजित किया गया।

प्रशिक्षण में जिला बाल संरक्षण अधिकारी के द्वारा बाल विवाह के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई।  जिसमें बताया गया कि वर्ष 2025-26 से 2028-29 तक बाल विवाह मुक्त बनाने हेतु लक्ष्य निर्धारित करने का निर्देश जारी किया गया है। राज्य शासन द्वारा बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के प्रावधान अनुसार बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारियों की संख्या में वृद्धि कर जिला स्तर से ग्राम पंचायत स्तर तक बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी की अधिसूचना राज्य शासन द्वारा जारी की गई है। ग्राम पंचायत स्तर पर प्रत्येक ग्राम पंचायत सचिव को सेक्टर स्तर पर सेक्टर पर्यवेक्षक महिला एवं बाल विकास विभाग, ब्लाक स्तर पर बाल विकास परियोजना अधिकारी, जिला स्तर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी/जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारियों को बाल विवाह की प्रभावी रोकथाम हेतु बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी नियुक्त किया गया है।

प्रत्येक ग्राम पंचायत एवं नगरीय निकाय को बाल विवाह मुक्त कर बाल विवाह मुक्त ग्राम पंचायत व बाल विवाह मुक्त नगरीय निकाय का प्रमाण पत्र जारी किया जाना है। बाल विवाह के प्रभावी रोकथाम हेतु राज्य स्तर से प्राप्त सुझावों को अमल में लाते हुए बाल विवाह रोकथाम के संबंध में समस्त आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने हेतु प्रेरित किया गया। उन्होंने बताया कि बाल विवाह केवल एक सामाजिक बुराई ही नही अपितु कानूनन अपराध भी है। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अंतर्गत बाल विवाह करने वाले वर एवं वधु के माता-पिता, सगे संबंधी, बाराती यहां तक कि विवाह कराने वाले पुरोहित पर भी कानूनी कार्यवाही की जा सकती है। बाल विवाह के कारण बच्चों में कुपोषण, शिशु मृत्यु दर एवं मातृ-मृत्यु दर के साथ घरेलू हिंसा में भी वृद्धि होती है। उन्होंने कहा कि समाज में व्याप्त इस बुराई के पूर्णतः उन्मूलन के लिए सभी का सहयोग आवश्यक है। जिसमें जनप्रतिनिधियों, नगरीय निकाय/पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों, स्वयं सेवी संगठनों, महिला स्व सहायता समूहों, किशोर एवं किशोरी बालिकाओं तथा आमजनों के सहयोग से बाल विवाह मुक्त की दिशा में अग्रसर होकर कार्य करना होगा।

प्रशिक्षण में सर्व बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी बाल विकास परियोजना अधिकारी, सेक्टर पर्यवेक्षक, ग्राम पंचायत सचिव, जिला बाल संरक्षण इकाई/चाईल्ड हेल्प लाईन के अधिकारी/कर्मचारी एवं एवं आगंनबाड़ी कार्यकर्ता तथा अन्य विभाग से सर्व संबंधित उपस्थित थे।

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