रायपुर: जल संरक्षण और जनभागीदारी के क्षेत्र में बालोद जिले ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। भारत सरकार द्वारा संचालित जल संचयन जनभागीदारी अभियान में बालोद ने पूरे देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। इस उल्लेखनीय प्रदर्शन के लिए जिले को 2 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी।
   

कलेक्टर  दिव्या उमेश मिश्रा के नेतृत्व में समाज के सभी वर्गों की सहभागिता से जिले में जल संरक्षण और संवर्धन को लेकर व्यापक कार्य किए गए। जिले में अब तक 1 लाख 6 हजार 677 नवीन जल संरचनाओं का निर्माण किया गया है, वहीं 30 हजार 849 पूर्व निर्मित जल स्रोतों की मरम्मत एवं साफ-सफाई की गई है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने मकानों में 10 हजार वाटर रिचार्ज पिट बनाए गए हैं। इसके अलावा वन क्षेत्र में 3 लाख 88 हजार पौधरोपण कर मृदा एवं जल संरक्षण के कार्य किए गए।
   

इस अभियान से प्रेरित होकर ग्रामीणों ने भी स्वप्रेरणा से 27 हजार से अधिक घरों में सोकपिट संरचनाओं का निर्माण किया है। जिले में 1 लाख 9 हजार 273 स्टैगर्ड कंटूर ट्रेंच, 140 अमृत सरोवर, 1 हजार 944 सामुदायिक तालाब और 6 हजार 160 निजी डबरियों का निर्माण किया गया है। साथ ही 399 मिनी परकुलेशन टैंक, 6 हजार 614 लूज बोल्डर चेक डेम, 672 नदियों का पुनरुद्धार, 69 स्टॉप डेम, 316 गेबियन चेक डेम, 423 कुएं और 44 हजार 49 वाटर रिचार्ज पिट बनाए गए हैं।
   

भारत सरकार द्वारा किए गए आकलन के आधार पर बालोद जिले की ये उपलब्धियां राष्ट्रीय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ मानी गई हैं। यही कारण है कि जिले को देश का बेस्ट परफॉर्मिंग जिला घोषित कर 2 करोड़ रुपए की सौगात दी जा रही है। यह उपलब्धि न केवल जिले के लिए गर्व का विषय है, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ राज्य के लिए भी प्रेरणादायक है।

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