जशपुर। छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री के गृह जिला जशपुर के पुलिस थाना पत्थलगाँव के ग्राम खारढोढ़ी निवासी एक आदिवासी युवती के साथ पिछले वर्ष माह अगस्त 2023 में छत्तीसगढ़ के राजधानी रायपुर के पुलिस थाना अभनपुर के अंतर्गत करीब तीन आरोपियों के द्वारा सामूहिक दुष्कर्म कि घटना को अंजाम दिया गया था।

इसके संबन्ध में पीड़िता ने कई बार इधर से उधर चक्कार लगाती रही। लेकिन कही पर भी कार्यवाही नही होने पर उन्होंने लिखित शिकायत पत्र के रूप में पुलिस विभाग के आला अफसरों को अपनी आप बीती बताई। इसके बाद किसी उसे छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के पास जाने का सलाह दिये। उसके बाद पीड़िता ने मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय बगिया गई थी। 18 अप्रैल गुरूवार को पुन: जाकर उपरोक्त आवेदन को प्रस्तुत कर  गुहार लगाई है कि पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार करने के बजाय आरोपियों के इसारे पर काम कर रही है और उल्टे पीड़िता को तुम झुठ बोल कर आरोपियों को फंसा रही हो करते हुए धारा 164 कि बयान के लिए पीड़िता को अभनपुर पुलिस थाना बुलाकर डांट फटकार लगाया गया तथा खुलेआम आरोपियों के द्वारा पीड़िता को जान सहित मारकर दफना देने कि बात कही जा रही है। इसलिए सामूहिक दुष्कर्म कि पीड़िता ने किसी तरह जान बचाकर डरी सहमी सी पुन: मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय बगिया पहुंचकर दोषियों के विरूद्द कड़ी से कड़ी कार्यवाही कराने कि गुहार लगाई गई है। अब यह देखना होगा कि गैंगरेप कि पीड़िता के मांग के अनुरूप दोषियों के खिलाफ उचित कार्यवाही कि जाती है। फिर गुजरात कि “बिलकिस बानो” कि घटना कि तरह पीड़िता पर ही जुल्म बरपाये जाते हैं इसे तो वक्त ही बतायेगा। एक गरीब आदिवासी गैंगरेप कि पीड़िता को न्याय के लिए नौ- नौ महिने तक दर- दर कि ठोकर खाते रहना कहीं न कहीं लचर प्राशसनिक व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लगना स्वाभाविक है।

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