सूरजपुर: धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान का शुभारंभ प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी द्वारा 02 अक्टूबर 2024 को किया गया था। इस अभियान का उद्देश्य जनजातीय गांवों तथा आकांक्षी जिलों में जनजातीय परिवारों के लिए संतृप्ति कवरेज अपनाकर जनजातीय समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार लाना है। इस अभियान में 17 मंत्रालयों द्वारा क्रियान्वित किए जाने वाले 25 हस्तक्षेप शामिल हैं।


जिले में धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष योजना अंतर्गत  284 ग्राम पंचायत का चिन्हांकन किया गया है। जिसमें विकासखंड सूरजपुर, प्रतापपुर, भैयाथान, ओड़गी, प्रेमनगर, रामानुजनगर अंतर्गत क्रमशः 34,110,25,46,28 व 41 ग्राम पंचायतों का चिन्हांकन किया गया है।इन 284 ग्राम पंचायतों के जनजातीय परिवारों के कल्याण एवं संवर्धन के लिये कलेक्टर एस.जयवर्धन के निर्देश पर कार्ययोजना बनाकर संबंधित विभाग ने कार्य करना प्रारंभ कर दिया है। जिसके तहत आदिवासी विकास विभाग द्वारा कुल 10 नवीन आश्रम व छात्रावास भवनों का प्रस्ताव, पशु विभाग द्वारा  571 हितग्राहियों के लिए 4 करोड़ 34 लाख का प्रस्ताव व मत्स्य विभाग द्वारा 06 करोड़ 80 लाख का प्रस्ताव प्रेषित किया जा चुका है।इसके सफल क्रियान्वयन हेतु 15 जून से 30 जून 2025 तक “धरती आबा अभियान – जागरूकता और लाभ संतृप्ति शिविर का आयोजन जिले मे संचालित किया जायेगा।  जिसका उद्देश्य अंतिम स्तर पर व्यक्तिगत अधिकारों को संतृप्त करना और डीए जेजीयूए के बारे में जागरूकता पैदा करना है।
            

यह अभियान ग्राम-स्तर/क्लस्टर स्तर के शिविरों के माध्यम से अधिकारों की जमीनी स्तर पर डिलीवरी सुनिश्चित करेगा, जिसमें निम्नलिखित (सांकेतिक सूची) प्रदान की जाएगी: आधार कार्ड, राशन कार्ड, आयुष्मान भारत कार्ड (पीएम-जेएवाई), जाति प्रमाण पत्र, अधिवास प्रमाण पत्र, किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी),पीएम-किसान, जन धन खाता, बीमा कवरेज(पीएमजेजेबीवाई/पीएमएसबीवाई), सामाजिक सुरक्षा (वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन, दिव्यांग पेंशन), रोजगार और आजीविका योजनाएं (एमजीएनआरईजीए, पीएम विश्वकर्मा, मुद्रा ऋण), महिला एवं बाल कल्याण(पीएमएमवीवाई, आईसीडीएस लाभ, टीकाकरण) आदि।
    

आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त श्री घनश्याम कुमार ने बताया कि धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान का लक्ष्य भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य, शिक्षा, आजीविका में महत्वपूर्ण अंतराल को भरना है, ताकि अभिसरण और आउटरीच के माध्यम से आदिवासी क्षेत्रों और समुदायों का समग्र और सतत विकास सुनिश्चित किया जा सके। यह अभियान 5 वर्षों की अवधि के लिए होगा, जिसके तहत 79,156 करोड़ के बजट के साथ केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय सहित 17 मंत्रालयों के माध्यम से 25 हस्तक्षेपों को लागू किया जाएगा। योजना के तहत जनजातीय परिवारों को पक्का घर, गांवों में सड़क, बिजली, पानी, मोबाइल मेडिकल यूनिट्स, आवासीय विद्यालयों व छात्रावासों के उन्नयन, तथा कौशल विकास और स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जायेंगे।

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