भारत ने रक्षा विमानन क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ाया है। बीते दिन 4.5 पीढ़ी के संपूर्ण स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान तेजस के एमके1ए वैरिएंट के पहले विमान एलए 5033 ने सफल उड़ान भरी।

बेंगलुरु में हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के हवाईअड्डे से इसका परीक्षण किया गया। यह विमान लगातार 18 मिनट तक हवा में रहा। रक्षा क्षेत्र की सरकारी कंपनी एचएएल ने बताया कि तेजस एमके1ए विमान ने हवा में 18 मिनट बिताने के बाद सुरक्षित लैंडिंग की। इस उड़ान का संचालन चीफ टेस्ट पायलट ग्रुप कैप्टन केके वेणुगोपाल (सेवानिवृत्त) ने किया।

विमान में ये होंगी सुविधाएं

तेजस एमके1ए को जल्द ही वायुसेना में शामिल किया जाएगा, जिससे वायुसेना की क्षमता दोगुनी हो जाएगी। एचएएल की मानें तो तेजस एमके1ए में उन्नत इलेक्ट्रानिक रडार, युद्ध और संचार प्रणाली, बेहतर युद्ध क्षमता और बेहतर सुविधाएं होंगी।

तेजस एमके1ए भारतीय वायुसेना के लिए स्वदेशी 4.5 पीढ़ी का हर मौसम में काम करने वाला बहुउद्देशीय लड़ाकू लड़ाकू विमान है। रक्षा मंत्रालय ने 83 एलसीए तेजस एमके-1ए लड़ाकू के लिए फरवरी 2021 में एचएएल के साथ 48,000 करोड़ रुपये से अधिक के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे।

ये भी है खासियतें
एमके-1ए अन्य सुधारों के अलावा डिजिटल रडार चेतावनी रिसीवर, एक बेहतर एईएसए (सक्रिय इलेक्ट्रॉनिक रूप से स्कैन की गई सरणी) रडार, उन्नत दृश्य-सीमा (बीवीआर) हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों और बाहरी आत्म-सुरक्षा जैमर पॉड के साथ आएगा।

तेजस स्क्वाड्रन
भारतीय वायुसेना के पास पहले से ही दो तेजस स्क्वाड्रन, ‘फ्लाइंग डैगर्स’ और ‘फ्लाइंग बुलेट्स’ हैं, जिनमें से एक अब पाकिस्तान के सामने दक्षिण-पश्चिमी सेक्टर में तैनात है।

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