मॉस्को/वॉशिंगटन: रूस और अमेरिका के बीच तनाव अब नए मोड़ पर पहुंच गया है। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने बताया कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आदेश पर देश ने परमाणु परीक्षण की तैयारी शुरू कर दी है। यह कदम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हालिया बयान के बाद उठाया गया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अमेरिका अब न्यूक्लियर टेस्ट फिर से शुरू करेगा क्योंकि रूस, चीन, पाकिस्तान और उत्तर कोरिया “गुपचुप तरीके” से ऐसा कर रहे हैं।

ट्रंप के बयान से भड़का रूस

ट्रंप का यह बयान रूस के लिए उकसाने वाला साबित हुआ है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर रूस और अमेरिका दोनों अपने परमाणु कार्यक्रमों को फिर से सक्रिय करते हैं, तो दुनिया एक बार फिर परमाणु हथियारों की दौड़ में फंस सकती है। यह स्थिति वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन सकती है।

बढ़ता तनाव और प्रतिबंधों की राजनीति

बीते कुछ महीनों से अमेरिका और रूस के बीच राजनयिक तनाव लगातार बढ़ रहा है। ट्रंप प्रशासन ने रूस पर नए आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं और दोनों देशों के बीच होने वाला शिखर सम्मेलन भी रद्द कर दिया गया। वहीं, रूस का कहना है कि अमेरिका की आक्रामक नीति से दुनिया में अस्थिरता बढ़ रही है।

1991 के बाद पहली बार रूस करेगा परीक्षण?

रूस ने 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद से कोई परमाणु परीक्षण नहीं किया है, जबकि अमेरिका ने आखिरी बार 1992 में न्यूक्लियर टेस्ट किया था। दोनों देशों ने व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि (CTBT) पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके बाद परीक्षण पर रोक लगी थी।

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