उत्तराखंड: उत्तराखंड की सिल्क्यारा-डंडालगांव टनल में 12 नवंबर से फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने का काम जारी है। रेस्क्यू के लिए सुरंग में डाला गया पाइप मजदूरों तक पहुंच चुका है। अभी NDRF टीम दो मीटर आगे तक पाइप और डालेगी। इसके बाद 16 दिन से फंसे 41 मजदूरों को टनल से बाहर लाया जाएगा।

नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (NDMA) के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) सैय्यद अता हसैनन ने बताया- खुदाई का काम पूरा होने के बाद टनल में पाइप तक रैंप बनाया जाएगा। रैंप बनने में अगर दिक्कत आई तो सीढ़ी लगाई जाएगी। इससे मजदूरों को पाइप तक पहुंचाया जा सके। पाइप में पहुंचने पर मजदूरों को स्ट्रेचर पर लिटाया जाएगा और रस्सी के सहारे खींचकर उन्हें बाहर निकाला जाएगा। एक मजदूर को टनल से बाहर निकालने में 3 से 5 मिनट लगेंगे।

टनल के अंदर एम्बुलेंस के अलावा स्ट्रेचर और गद्दे पहुंचाए गए हैं। यहां अस्पताल बना दिया गया है। रेस्क्यू के बाद मजदूरों को यही रखा जाएगा। इसके बाद इन्हें 30-35 KM दूर चिन्यालीसौड़ ले जाया जाएगा। जहां 41 बेड का स्पेशल हॉस्पिटल बनाया गया है। अगर किसी मजदूर की हालत खराब हुई, तो उन्हें फौरन एयरलिफ्ट कर AIIMS ऋषिकेश भेजा जाएगा।चिन्यालीसौड हवाई अड्डे पर चिनूक हेलिकॉप्टर तैनात किया गया है। यदि किसी मजदूर की तबीयत बिगड़ी, तो उसको हेलिकॉप्टर से तुरंत ऋषिकेश AIIMS भेज दिया जाएगा।

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