रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी के विरोध में कांग्रेस द्वारा सोमवार को आयोजित प्रदेशव्यापी आर्थिक नाकेबंदी का असर सीमित रूप में दिखाई दिया।

राज्यभर में बारिश के बीच कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं। वे चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी को “राजनीतिक बदले की कार्रवाई” बता रहे हैं और अपनी पार्टी के प्रति एकजुटता जता रहे हैं। हालांकि, सुरक्षा बलों की भारी तैनाती और प्रशासन की सतर्कता के चलते चक्काजाम का व्यापक असर नहीं हो पाया।

कांग्रेस ने यह स्पष्ट किया था कि इस नाकेबंदी में सवारी वाहनों को छूट दी गई है, जिससे आम लोगों की आवाजाही सामान्य बनी रही। यातायात पर हल्का असर जरूर पड़ा, लेकिन जनजीवन प्रभावित नहीं हुआ।

इस बीच, छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स ने भी इस बंद से खुद को अलग रखा। इसका असर यह रहा कि शहरों की दुकानें सामान्य दिनों की तरह खुली रहीं और व्यापारिक गतिविधियां जारी रहीं।

कुल मिलाकर, कांग्रेस की इस आर्थिक नाकेबंदी को सीमित समर्थन मिला। जहां एक ओर कार्यकर्ता सड़कों पर जुटे, वहीं आम जनता और कारोबारी वर्ग ने इस प्रदर्शन से दूरी बनाए रखी। इससे आंदोलन की प्रभावशीलता पर सवाल उठे हैं, लेकिन कांग्रेस का दावा है कि यह सरकार को जनता की नाराजगी का संकेत देने का प्रयास था।

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