प्रदोष व्रत हर महीने की कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। अब अगस्त माह का दूसरा प्रदोष व्रत कृष्ण पक्ष में रखा जाएगा। ऐसी मान्यता है कि प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति की सारी इच्छाएं पूरी होती है। साथ ही भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष कृपा हमेशा व्यक्ति पर बनी रहती है। शिवपुराण में भी प्रदोष व्रत की महिला कही गई है। तो आइए जानते हैं अगस्त महीने का दूसरा प्रदोष व्रत कब रखा जाएगा।

कब है प्रदोष व्रत ?
20 तारीख को दोपहर में 1 बजकर 59 मिनट पर त्रयोदशी तिथि का आरंभ होगा और अगले दिन 21 तारीख को दोपहर में 12 बजकर 45 मिनट तक रहेगी। शास्त्रों के अनुसार, प्रदोष व्रत उस दिन किया जाता है जब त्रयोदशी तिथि शाम के समय लग रही हो। इस बार प्रदोष व्रत के दिन सिद्धि योग, पुनर्वसु नक्षत्र और गौरी योग का बेहद ही शुभ संयोग बन रहा है। इस बार प्रदोष व्रत करने वालों को वत्स द्वादशी व्रत का लाभ भी मिलेगा।

प्रदोष व्रत का महत्व
शिव पुराण में बताया गया है कि प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति को शिवलोक की प्राप्ति होती है। साथ ही वर्तमान में चल रही परेशानियों से छुटकारा भी मिलता है। प्रदोष व्रत का प्रभाव इतना है कि इस व्रत को करने से व्यक्ति की सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही घर परिवार में सुख शांति भी बनी रहती है। जिन लोगों को गुप्त शत्रुओं का भय है उन्हें प्रदोष व्रत जरूर करना चाहिए।

प्रदोष व्रत पूजा विधि
० सुबह के समय ब्रह्म मुहूर्त में उठे और उठकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद व्रत का संकल्प लें और घर के मंदिर की अच्छे से साफ सफाई करें।
० भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति की स्थापना करें और शिवलिंग का अभिषेक करें।
० भगवान शिव और माता पार्वती को वस्त्र अर्पित करें। भगवान शिव को जनेऊ, बेलपत्र, भांग, धतूरा, शमी पत्र आदि अर्पित करें।
० इसके बाद प्रदोष व्रत कथा का पाठ करें और भगवान शिव की आरती उतारे और फल मिठाई आदि का भोग उनको लगाएं। बाद में सभी लोगों को प्रसाद वितरित करें।

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