

दिल्ली हाईकोर्ट ने इंडिगो संकट को गंभीर मानते हुए सरकार और DGCA से सवाल किए। कोर्ट ने कहा कि यह सिर्फ फंसे हुए यात्रियों की समस्या नहीं, बल्कि अर्थव्यवस्था पर असर डालने वाला मुद्दा है। कोर्ट ने हवाई अड्डों पर फंसे यात्रियों के मुआवजे के लिए तुरंत कदम उठाने को कहा और जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई का विवरण मांगा।
सरकार और DGCA से पूछे गए सवाल
कोर्ट ने पूछा कि इस स्थिति के लिए जिम्मेदार कौन हैं और टिकट कीमतों में असामान्य वृद्धि क्यों हुई। सरकार ने बताया कि FDTL को लागू करने की योजना पहले से थी, लेकिन इस दौरान कर्मचारियों की कमी की वजह से संकट उत्पन्न हुआ। DGCA से कोर्ट ने सवाल किया कि एयरलाइन को छूट क्यों दी गई और पर्याप्त पायलट भर्ती क्यों नहीं की गई।
एयरलाइन, DGCA और सरकार की विफलता
कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा कि इंडिगो संकट एयरलाइन, DGCA और सरकार की सामूहिक विफलता है। उन्होंने बताया कि DGCA ने उड़ान कर्मचारियों के आराम पर निर्देश जारी किए, लेकिन निगरानी नहीं की। एयरलाइन ने शीतकालीन सत्र में अतिरिक्त मार्गों के लिए आवेदन किया, जबकि क्षमता बढ़ाने की योजना नहीं बनाई।
कोर्ट का संदेश और आगे की कार्रवाई
हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि यात्रियों के मुआवजे और जिम्मेदारों की जवाबदेही तय करना आवश्यक है। सरकार, DGCA और एयरलाइन को अब स्थिति सुधारने और भविष्य में ऐसे संकट न पैदा होने देने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।






















