बिलासपुर: सहायक शिक्षक की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव सहित आधा दर्जन आला अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं।

याचिकाकर्ता शिक्षक ने आरोप लगाया है कि वरिष्ठता सूची जारी करते समय विभाग ने पूर्ण सेवा की गणना नहीं की है। कोरिया जिले मनेन्द्रगढ़ ब्लाक में शासकीय प्राथमिक शाला बेलबहरा की सहायक शिक्षक शबनम खातून ने अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी और नरेन्द्र मेहेर के जरिए हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि वर्ष 2005 में नगरीय निकाय स्कूल में उसकी प्रारंभिक नियुक्ति हुई थी।

नगर निगम आयुक्त चिरमिरी से अनापत्ति प्राप्त कर सहायक शिक्षक (पंचायत) के रूप में वर्ष 2010 में पुनर्नियुक्ति ली थी। राज्य शासन द्वारा पुनरीक्षित वेतनमान के लिए अपनी सेवाओं की गणना प्रारंभिक नियुक्ति तिथि से न कर पश्चातवर्ती नियुक्ति तिथि से करने के कारण वर्ष 2018 में हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।

इसमें सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने प्रारंभिक नियुक्ति तिथि से सेवाओं की गणना कर पुनरीक्षित वेतनमान प्रदान करने के आदेश विभाग को जारी किया था। हाई कोर्ट के आदेश के परिपालन में उसे प्रारंभिक नियुक्ति तिथि से सेवाओं की गणना करते हुए विभाग ने पुनरीक्षित वेतनमान का लाभ प्रदान किया। लेकिन सहायक शिक्षकों की शिक्षक (एलबी) के पदों पर प्रमोशन प्रक्रिया में विभाग द्वारा एक अप्रैल 2021 की स्थिति में जारी वरिष्ठता सूची में उसकी पूर्व सेवाओं की गणना नहीं की।

पश्चातवर्ती नियुक्ति तिथि से गणना करने के कारण पदोन्न्ति सूची में नाम शामिल नहीं किया गया। वर्ष 2005 में जिनकी नियुक्ति हुई ऐसे कनिष्ठ शिक्षकों को पदोन्न्ति दे दी गई है। मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने सचिव स्कूल शिक्षा विभाग, संचालक लोक शिक्षण रायपुर, संयुक्त संचालक सरगुजा सम्भाग, जिला शिक्षा अधिकारी बैकुंठपुर कोरिया, खंड शिक्षा अधिकारी मनेंद्रगढ़ को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया।

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