छत्तीसगढ़,एजेंसी: बिलासपुर में खुद को PMO ऑफिस का IPS अफसर बताकर एक युवक ने पुलिस को दिन भर नचाया। पुलिसकर्मी उसकी तीमारदारी और आवभगत में जुटे रहे। मान मनौव्वल करते रहे। अफसरों ने उसे छत्तीसगढ़ भवन से लेकर शानदार होटल तक में रुकवाया। जब होटल का बिल देने की बारी आई तो हंगामा खड़ा हो गया। इसके बाद सारा मामला खुला। शाम होने तक आवभगत में लगी पुलिस ने ही उसे हवालात तक पहुंचाया। तारबहार थाना पुलिस के हत्थे चढ़ा आरोपी युवक रायपुर का रहने वाला है।

दरअसल, एक युवक बुधवार को छत्तीसगढ़ भवन पहुंचा और खुद का परिचय IPS अफसर के रूप में देते हुए वहां रुक गया। उसने खुद को PMO दफ्तर में पदस्थ होने की जानकारी दी और बिलासपुर में गोपनीय काम से आने की बात कही। इस पर अफसरों ने उसके लिए कमरा बुक करा दिया था। अगले दिन गुरुवार तड़के करीब 3 बजे उसने छत्तीसगढ़ भवन में व्यवस्था ठीक नहीं होने की बात कही और पुलिस कंट्रोल रूम में फोन कर दिया। इसके बाद सिविल लाइन थाने की पेट्रोलिंग टीम वहां पहुंच गई।

पुलिस टीम ने ही होटल में रुकने का इंतजाम किया

पुलिस टीम कथित अफसर को छत्तीसगढ़ भवन से लेकर आनंदा होटल पहुंचे और रुकने का इंतजाम कराया। सुबह होने पर युवक ने ऑफिशियल काम होने की बात कही और बाहर निकल गया। इसके बाद दोपहर में फिर कंट्रोल रूम को कॉल किया और रास्ता भटक जाने की जानकारी दी। इस पर सिविल लाइन TI शनिप रात्रे ने उससे बात की। खुद को नेहरू नगर में होना बताया, लेकिन फिर फोन उठाना ही बंद कर दिया और कुछ देर बाद खुद ही होटल पहुंच गया।

सकते में आ गई पुलिस, करती रही मान मनौव्वल

होटल में आरोपी ने सर्विस अच्छी नहीं होने की बात कहकर मैनेजर को धौंस दिखाना शुरू कर दिया। गुस्से में अपना सामान लेकर कमरे से बाहर निकला तो मैनेजर ने उसे 5100 रुपए का बिल थमा दिया। इस पर उसने कोतवाली थाने से बिल लेने की बात कही। उसकी गतिविधियों से मैनेजर को संदेह हुआ तो उसने तारबहार थाने में सूचना दे दी। बताया जा रहा है कि पुलिस पहुंची तो शुरुआत में उसकी तीमारदारी करती रही। होटल के मैनेजर को ही धमकाया। फिर अफसरों को जानकारी दी। संदेह होने पर उसे हिरासत में लिया।

ऐसे खुला फर्जीवाड़ा
ASP रोहित झा सहित अन्य पुलिस अफसर उससे पूछताछ करने पहुंचे, तब वह अपनी अकड़ दिखा रहा था। पहले उसकी हरकतें देखकर पुलिस अफसर भी हैरत में पड़ गए। बाद में उससे आईडी वगैरह दिखाने कहा गया, तब वह PMO ऑफिस के कॉन्फिडेंशियल काम से आने की बात कहने लगा। आईडी नहीं दिखाने पर पुलिस अफसरों को संदेह हुआ और उससे सख्ती से पूछताछ की गई। पूछताछ में उसने बताया कि रायपुर के ब्राह्मणपारा निवासी रविकांत तिवारी है। वह फर्जी अफसर बनकर धौंस दिखा रहा था।

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