रायपुर। भारतमाला परियोजना में अभनपुर क्षेत्र का भूमि विवाद अब तूल पकड़ता नजर आ रहा है। कोलकाता निवासी सांवरमल अग्रवाल ने आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) को गंभीर शिकायत दर्ज कराई है। उनका आरोप है कि ग्राम पचेड़ा में स्थित उनकी निजी भूमि का मुआवजा फर्जी दस्तावेजों और कूटरचित नामों के आधार पर दिलाया गया। इसके बावजूद, उनके द्वारा आपत्ति दर्ज कराने और स्वीकार होने के बाद भी 1.20 करोड़ रुपये से अधिक की राशि विक्रम गंभीर नामक व्यक्ति को भुगतान कर दी गई।

शिकायत में सांवरमल अग्रवाल ने दावा किया कि भूमि के नामांतरण, फर्जी विक्रयपत्र और दानपत्र तक पूरे मामले में स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों और राजस्व अमले की मिलीभगत रही। उन्होंने बताया कि उन्होंने करीब 32 साल पहले गोबरा नवापारा में चित्रोत्पला शिक्षण समिति को अपनी भूमि दान में दी थी। वर्तमान में यह भूमि सेठ फूलचंद अग्रवाल स्मृति महाविद्यालय, गोबरा नवापारा में स्थित है।

गौरतलब है कि इससे पहले भी भारतमाला परियोजना से जुड़ी अनियमितताओं के कारण अभनपुर का एक एसडीएम जेल जा चुका है। जब अभनपुर एसडीएम से इस मामले पर प्रतिक्रिया मांगी गई, तो उन्होंने इसे सिविल कोर्ट का मामला बताया और विस्तृत टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

अभनपुर भूमि विवाद ने परियोजना से जुड़े मुआवजे और प्रशासनिक प्रक्रिया की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ईओडब्ल्यू की जांच से ही स्पष्ट होगा कि अधिकारियों और मध्यस्थों की मिलीभगत किस हद तक इस अनियमितता का कारण बनी। इस मामले में उचित कार्रवाई और जवाबदेही की मांग उठ रही है।

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