बिलासपुर: Chhattisgarh High Court Land Acquisition Compensation को लेकर हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। अदालत ने कहा कि नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) द्वारा अधिग्रहित भूमि के लिए दिए जाने वाले मुआवजे पर आयकर नहीं लगाया जा सकता।

जस्टिस संजय के. अग्रवाल और जस्टिस संजय कुमार जायसवाल की डिवीजन बेंच ने रायपुर के व्यापारी संजय कुमार बैद की अपील को स्वीकार करते हुए यह निर्णय दिया। कोर्ट ने आयकर विभाग को बैद द्वारा पहले से जमा किए गए 17,07,340 रुपये की रिफंड प्रक्रिया तत्काल शुरू करने का निर्देश दिया।

मामला वर्ष 2017 का है, जब रायपुर स्टेशन रोड स्थित बैद की कृषि भूमि NHAI ने अधिग्रहित की थी। इसके बदले उन्हें 73,58,113 रुपये का मुआवजा मिला। उन्होंने 2017-18 के आयकर रिटर्न में इस राशि को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन मानकर 24,30,521 रुपये टैक्स जमा किया था। बाद में उन्हें जानकारी मिली कि 2013 के भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास एवं पुनर्स्थापना अधिनियम की धारा 96 के तहत यह मुआवजा टैक्स मुक्त है।

आयकर विभाग ने पहले उनके आवेदन को खारिज कर दिया और CIT व ITAT ने भी विभाग के फैसले को बरकरार रखा। हालांकि हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार के 2015 के आदेश और 2013 अधिनियम का हवाला देते हुए कहा कि सभी अधिग्रहण कानूनों पर यह प्रविधान समान रूप से लागू होता है। इसलिए, अलग-अलग कानूनों के तहत मुआवजा पाने वालों में भेदभाव नहीं किया जा सकता।

Leave a reply

Please enter your name here
Please enter your comment!