बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ध्वनि प्रदूषण मामला सुनवाई के दौरान एक बार फिर सुर्खियों में रहा। कोर्ट ने मुख्य सचिव को सख्त निर्देश दिए कि वे शासन द्वारा पूर्व में दाखिल शपथपत्र का पूरी तरह पालन सुनिश्चित करें और इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई करें। इस मामले की अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को निर्धारित की गई है।

सुनवाई के दौरान शासन की ओर से जानकारी दी गई कि कोलाहल नियंत्रण अधिनियम, 1985 में आवश्यक संशोधन किए जा रहे हैं। शासन की एक समिति ने इस मुद्दे पर बैठक आयोजित की थी, जिसमें छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल को अधिनियम में संशोधन का प्रारूप तैयार करने का निर्देश दिया गया। इसके बाद मंडल ने 13 अगस्त 2025 को संशोधन प्रस्तावित मसौदा तैयार कर आवास एवं पर्यावरण विभाग को भेजा।

14 अगस्त को हुई बैठक में इस मसौदे की समीक्षा की गई। बैठक में विभिन्न विभागों के प्रतिनिधियों से कहा गया कि वे अपने-अपने सचिवों से अनुमोदन और टिप्पणियाँ प्राप्त करें ताकि प्रस्तावित संशोधनों को अंतिम रूप दिया जा सके। तय किया गया कि इन प्रस्तावों को 15 सितंबर 2025 को होने वाली अगली बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा।

हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि ध्वनि प्रदूषण विनियमन एवं नियंत्रण नियम, 2000 के संदर्भ में कोलाहल अधिनियम, 1985 में संशोधन जरूरी है। राज्य सरकार इस दिशा में सक्रिय रूप से कदम उठा रही है। राज्य के अधिवक्ता ने कोर्ट को आश्वस्त किया कि गृह विभाग इस मामले में आवश्यक कार्रवाई करेगा।

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