CG News : के तहत छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश की स्कूली शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए एक अहम फैसला लिया है। मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान के अंतर्गत अब डी-ग्रेड सरकारी स्कूलों को जनप्रतिनिधि और अधिकारी गोद लेंगे। इसका उद्देश्य सरकारी स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता को बेहतर बनाना और कमजोर स्कूलों को मुख्यधारा में लाना है।

प्रदेश में कुल 56,895 सरकारी स्कूलों का सोशल ऑडिट कराया गया था। इस ऑडिट में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए। रिपोर्ट के अनुसार, 9,540 स्कूल डी-ग्रेड में पाए गए, जिन्हें सबसे कमजोर श्रेणी में रखा गया है। वहीं 16,785 स्कूल ए-ग्रेड में हैं, जबकि कुल 47,355 स्कूल ए, बी और सी ग्रेड में शामिल हैं।

सोशल ऑडिट के दौरान यह भी खुलासा हुआ कि कई डी-ग्रेड स्कूलों में कक्षा एक से तीन तक के बच्चों को न तो सही से गिनती आती है और न ही अक्षरों की पहचान हो पाती है। शिक्षा की इस गंभीर स्थिति को देखते हुए सरकार ने डी-ग्रेड स्कूलों को गोद देने की योजना लागू की है।

योजना के तहत चुने गए जनप्रतिनिधि और अधिकारी साल में कम से कम दो बार स्कूलों का दौरा करेंगे। निरीक्षण के दौरान पढ़ाई की गुणवत्ता, बच्चों की उपस्थिति, शिक्षण स्तर और बुनियादी सुविधाओं की समीक्षा की जाएगी। साथ ही, प्रदेश स्तर पर डी-ग्रेड स्कूलों की सूची तैयार कर ली गई है और निगरानी के लिए एक विशेष ऐप भी विकसित किया गया है, जिससे पूरी प्रक्रिया पर नजर रखी जाएगी।

सरकार को उम्मीद है कि CG News में सामने आई यह पहल डी-ग्रेड स्कूलों में तेजी से सुधार लाएगी और बच्चों को बेहतर शिक्षा का अवसर मिलेगा। अब देखना यह होगा कि यह योजना जमीनी स्तर पर कितना असर दिखाती है।

Leave a reply

Please enter your name here
Please enter your comment!