कोरबा। कोल इंडिया की कई कंपनियों में कोयला चोरी को रोकने के लिए ड्रोन कैमरे से निगरानी की जा रही है। जबकि कुछ स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था को अपडेट किया गया है। इधर कोरबा जिले में एसईसीएल की खदानों से कोयला चोरी का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। मानिकपुर परियोजना से प्रतिदिन बड़ी मात्रा में चोरी हो रही है। कुछ संगठितगिरोह के लिए लोग काम कर रहे हैं।

साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड कोरबा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले मानिकपुर परियोजना से कोयला चोरी का सिलसिला काफी समय से बना हुआ है। खदान के नजदीकी इलाके में रहने वाले लोग साइकिल के माध्यम से चोरी किए गए कोयला को आसपास में खपाते हैं। अपनी साइकिल की क्षमता से कई गुना यह लोग कोयल की बोरियां यहां से वहां करते हैं। अनुमान है कि हर महीने इन लोगों को हजारों की कमाई होती है। जानकारी के अनुसार कोरबा क्षेत्र के एट भत्तों से लेकर होटलों और ढाबों में चोरी का कोयला खप रहा है। लेकिन खदान से दूसरे हिस्से तक कोयला ले जाने वाले लोग सफाई में बताते हैं कि वह अपनी जीविका के लिए इस काम को करते हैं।

देश में कोल इंडिया की अनेक कंपनियों की खदानों में कोयला चोरी के कारनामे लगातार सामने आ रहे हैं, इनकी रोकथाम के लिए सुरक्षा पर भारी भरकम खर्च किया जा रहा है। कोरबा जिले में भी इस प्रकार के मामले बने हुए हैं इस तरह की गतिविधियों से कुल मिलाकर साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड को हर महीने करोड़ की मोती चपत लग रही है।

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