
काम दिलाने के नाम पर युवती को बेचा, उत्तरप्रदेश में बेचकर कराई जबरन शादी, पिता-पुत्र दोनों ने किया दुष्कर्म
अंबिकापुर। सरगुजा जिले में मानव तस्करी से जुड़ा सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसमें काम दिलाने का झांसा देकर एक युवती को उत्तरप्रदेश ले जाकर जबरन शादी करवा दिया गया। इस गंभीर अपराध में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अंतर्राज्यीय मानव तस्कर गिरोह के 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार अग्रवाल के मार्गदर्शन में गठित विशेष पुलिस टीम ने पीड़िता को सकुशल बरामद कर आरोपियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की है।
मामला कैसे खुला
21 जून को थाना मणिपुर में एक युवती ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसकी चचेरी बहन, जो पहले अंबिकापुर के एक होटल में वेटर का काम कर रही थी, उसे झांसे में लेकर उत्तरप्रदेश में एक लाख रुपये में बेच दिया गया। युवती के मुताबिक, 19 जून को एक अज्ञात व्यक्ति ने उसे फोन कर बताया कि उसकी बहन उसके पास है और उसे छुड़वाने के लिए एक लाख रुपये देने होंगे। बाद में पीड़िता से बात कराई गई, जिसने खुलासा किया कि उसे अधिक पैसे के लालच में चठिरमा निवासी काबिल अंसारी, उसकी पत्नी हीना और सास रामेश्वरी सोनवानी ने बहला-फुसलाकर उत्तरप्रदेश ले जाकर बेच दिया।
थाना मणिपुर पुलिस ने तत्काल एफआईआर दर्ज करते हुए मामला विवेचना में लिया और विशेष टीम गठित की गई। तकनीकी साक्ष्य और बयान के आधार पर सरगुजा पुलिस ने 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनमें तीन स्थानीय (काबिल, हीना, रामेश्वरी) और चार अंतर्राज्यीय आरोपी (सुरेन्द्र कुशवाहा, सकील खान, सुमित राठौर, राकेश राठौर) शामिल हैं। पुलिस ने इनके कब्जे से पीड़िता का मोबाइल, घटना में प्रयुक्त चार मोबाइल और 3100 रुपये नकद बरामद किए हैं।
कैसे हुआ सौदा
पुलिस पूछताछ में सामने आया कि मुख्य आरोपी काबिल अंसारी की पहचान मध्यप्रदेश निवासी सुरेन्द्र कुशवाहा से दो साल पहले हुई थी। दोनों के बीच लड़कियों की शादी के नाम पर सौदेबाजी होती थी। पीड़िता जब आरोपी के घर आई, तो आरोपी ने अपनी पत्नी और सास को शामिल कर युवती को बेचने की साजिश रची। योजना के तहत पीड़िता को औरैया (उ.प्र.) भेजा गया, जहां सुरेन्द्र और सकील ने रामेश्वरी से सौदा तय किया और पीड़िता की जबरन शादी सुमित राठौर से मंदिर में करवा दी गई। इसके एवज में 70 हजार रुपये में सौदा हुआ, जिसमें से 40 हजार रामेश्वरी को दिए गए।
जबरन दुष्कर्म और बंधक बनाकर रखा गया
पीड़िता ने पुलिस को बताया कि शादी के बाद उसे लड़के के गांव सरावन (उ.प्र.) ले जाया गया, जहां सुमित और उसके पिता राकेश राठौर ने उसके साथ बार-बार दुष्कर्म किया। जब वह भागने की कोशिश करती, तो उसे पकड़कर लाया जाता और मारपीट की जाती थी। पुलिस ने पीड़िता को सकुशल रेस्क्यू कर लिया है।
इस पूरे मामले में पुलिस ने बीएनएस की धारा 137(2), 140(3), 142, 144(2), 64(2)(ड), 69 के तहत अपराध दर्ज कर सभी 7 आरोपियों को न्यायालय में पेश कर दिया है। इस सफल ऑपरेशन में थाना प्रभारी मणिपुर निरीक्षक अश्वनी सिंह, महिला थाना प्रभारी सुनीता भारद्वाज, सहायक उप निरीक्षक धीरज गुप्ता, प्रधान आरक्षक भोजराज पासवान सहित अन्य पुलिसकर्मियों की भूमिका सराहनीय रही। उत्तरप्रदेश के थाना गोहन से प्रधान आरक्षक धीरेन्द्र राय ने भी कार्रवाई में सहयोग किया।