रायपुर/मुंगेली। छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार पर नकेल कसने एसीबी ने दो अलग-अलग जगहों पर कार्रवाई करते हुए रिश्वत लेते दो सरकारी कर्मचारियों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया। ये दोनों मामले रायपुर और मुंगेली जिलों से सामने आए हैं।

बाबू ने मांगी पेंशन जारी करने के एवज में रिश्वत

पहला मामला रायपुर जिले से जुड़ा है, जहां पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त प्रकाश सिंह ठाकुर ने एसीबी रायपुर को शिकायत दी थी कि उनकी पेंशन और ग्रेच्युटी फाइल को आगे बढ़ाने के लिए बाबू दीपक शर्मा (उ.श्रे.लि. वर्ग-2) ने ₹30,000 की रिश्वत मांगी है। प्रार्थी रिश्वत देने के पक्ष में नहीं था और उसने आरोपी को रंगे हाथों पकड़वाने की ठानी।शिकायत के सत्यापन के बाद एसीबी ने आज 10 जून को ट्रैप की योजना बनाई और दीपक शर्मा को ₹30,000 लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। आरोपी के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 के तहत कार्यवाही की जा रही है।

पटवारी ने मांगे दस्तावेज सुधार और नक्शा देने के बदले पैसे

दूसरा मामला मुंगेली जिले से सामने आया है। बोदरी निवासी टोप सिंह अनुरागी ने एसीबी बिलासपुर को शिकायत दी थी कि उनके गांव केसलीकला की जमीन के रिकॉर्ड में नाम की त्रुटि सुधारने बहन के नाम के आगे ‘पिता के नाम’ की जगह ‘पति’ शब्द लेख हो गया है जिसे सुधार कराने एवं जमीन के नक्शा, खसरा और बी-1 दस्तावेज दिलाने के एवज में पटवारी उत्तम कुर्रे ने ₹25,000 की रिश्वत मांगी है। टोप सिंह रिश्वत देने के पक्ष में नहीं थे और उन्होंने आरोपी को फंसाने का फैसला लिया।

एसीबी टीम ने शिकायत की पुष्टि के बाद 10 जून को कार्रवाई की और पटवारी उत्तम कुर्रे को ₹25,000 लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। उनके खिलाफ भी भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 7 के तहत कानूनी कार्रवाई की जा रही है।

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