अंबिकापुर: सरगुजा जिले के अंबिकापुर शहर से लगे ग्राम सरगंवा में एक हैरतअंगेज और गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है, जिसने पूरे गांव में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। आरोप है कि रेबीज संक्रमित कुत्ते द्वारा काटे गए एक बकरे की बली देकर उसका मांस गांव के लोगों को परोस दिया गया। इस घटना में करीब 400 ग्रामीणों द्वारा उस बकरे का मांस सेवन किए जाने की बात सामने आ रही है।

जानकारी के अनुसार यह पूरा मामला 28 दिसंबर को गांव में आयोजित निकाली पूजा के दौरान का बताया जा रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि पूजा के लिए जिस बकरे की बलि दी गई, उसे कुछ दिन पहले एक रेबीज संक्रमित कुत्ते ने काटा था। इसके बावजूद  उस बकरे को पूजा के लिए इस्तेमाल करने की अनुमति दी और बाद में उसका मांस ग्रामीणों में वितरित कर दिया गया।

ग्रामीणों का कहना है कि यह बकरा गांव के ही नान्हू रजवाड़े नामक व्यक्ति से खरीदा गया था। पूजा के बाद जब लोगों को यह जानकारी मिली कि बकरे को पहले रेबीज संक्रमित कुत्ते ने काटा था, तो गांव में हड़कंप मच गया। बड़ी संख्या में ग्रामीण भय और तनाव में आ गए हैं, क्योंकि रेबीज एक जानलेवा बीमारी मानी जाती है।

घटना सामने आने के बाद गांव में डर का माहौल है। ग्रामीण खुद को संक्रमण की आशंका से बचाने के लिए प्रशासन से तत्काल स्वास्थ्य शिविर लगाने और जांच व उपचार की मांग कर रहे हैं। कई ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें इस बारे में पहले कोई जानकारी नहीं दी गई थी और न ही किसी प्रकार की सावधानी बरती गई।ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि सरपंच और उपसरपंच इस पूरे मामले में जिम्मेदारी लेने से बचते नजर आ रहे हैं। सवाल उठ रहे हैं कि क्या बिना जांच और जानकारी के संक्रमित जानवर की बली देना और उसका मांस लोगों में बांटना अपराध की श्रेणी में नहीं आता। वहीं अब गांव में यह चर्चा भी तेज है कि इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार रेबीज संक्रमण बेहद घातक होता है और समय पर उपचार न मिलने पर यह जानलेवा साबित हो सकता है। ऐसे में सैकड़ों लोगों के संपर्क में आने की आशंका प्रशासन के लिए भी गंभीर चुनौती बन गई है।

फिलहाल ग्रामीण प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग से तत्काल हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं ताकि गांव में मेडिकल कैंप लगाकर सभी प्रभावित लोगों की जांच और आवश्यक टीकाकरण किया जा सके। मामले को लेकर प्रशासनिक स्तर पर जांच शुरू होने की संभावना जताई जा रही है। जिला प्रशासन को जानकारी मिलने के बाद फिलहाल ग्रामीणों की स्वास्थ्य सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 31 दिसंबर 2025 को ग्राम सरगंवा में स्वास्थ्य जांच शिविर लगाया जाएगा। जहां सभी संबंधित लोगों की जांच की जाएगी।

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