

नई दिल्ली: भारतीय रेलवे देशभर के प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर ट्रेनों को संभालने की क्षमता दोगुनी करने की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रहा है। रेलवे अगले पांच वर्षों में दिल्ली, मुंबई, चेन्नई सहित 48 प्रमुख स्टेशनों की क्षमता बढ़ाने की योजना पर काम कर रहा है। यह जानकारी शुक्रवार को केंद्र सरकार की ओर से जारी आधिकारिक बयान में दी गई।
योजना के तहत जिन शहरों को शामिल किया गया है, उनमें दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलुरु, पटना, लखनऊ, चंडीगढ़, जयपुर, भोपाल, गुवाहाटी, वाराणसी, आगरा, पुरी, कोचीन, कोयंबटूर, वडोदरा, सूरत, अमृतसर, लुधियाना, विशाखापत्तनम, तिरुपति, विजयवाड़ा, मैसूर सहित अन्य शहर शामिल हैं।
रेलवे स्टेशनों की क्षमता बढ़ाने के लिए कई स्तरों पर काम किया जाएगा। इसमें मौजूदा टर्मिनलों पर नए प्लेटफॉर्म का निर्माण, स्टेबलिंग लाइन, पिट लाइन और पर्याप्त शंटिंग सुविधाओं का विकास शामिल है। इसके साथ ही शहरी क्षेत्रों और उनके आसपास नए टर्मिनलों की पहचान कर निर्माण की योजना भी बनाई जा रही है।
बयान के अनुसार, स्टेशनों पर रखरखाव सुविधाओं को मजबूत किया जाएगा। इसके तहत मेगा कोचिंग कॉम्प्लेक्स, ट्रैफिक फैसिलिटी वर्क, सेक्शनल क्षमता में वृद्धि, सिग्नलिंग अपग्रेडेशन और मल्टीट्रैकिंग जैसे कार्य किए जाएंगे, ताकि बढ़ती ट्रेनों का संचालन सुचारु रूप से हो सके।
रेलवे ने यह भी स्पष्ट किया है कि टर्मिनल की क्षमता बढ़ाते समय आसपास के स्टेशनों को भी योजना में शामिल किया जाएगा, जिससे संतुलित संचालन संभव हो सके। उदाहरण के तौर पर पुणे स्टेशन के साथ-साथ हडपसर, खड़की और आलंदी स्टेशनों की क्षमता बढ़ाने पर भी विचार किया जा रहा है।
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन एवं सीईओ सतीश कुमार ने सभी जोनल रेलवे के महाप्रबंधकों को पत्र लिखकर स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि प्रस्तावित योजनाएं स्पष्ट टाइमलाइन और तय लक्ष्य के साथ तैयार की जाएं। उन्होंने कहा कि यह योजना वर्ष 2030 तक की है, लेकिन अगले पांच वर्षों में चरणबद्ध तरीके से क्षमता बढ़ाने का काम शुरू कर दिया जाएगा, ताकि भविष्य की यात्री और ट्रैफिक जरूरतों को समय रहते पूरा किया जा सके।






















