रायपुर/नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए एक राहतभरी पहल करते हुए बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल सहित निजी कारणों के लिए 30 दिन तक की छुट्टियों का प्रावधान स्पष्ट किया है। यह जानकारी केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में दी।

राज्यसभा सांसद सुमित्रा बाल्मीकि के सवाल के जवाब में मंत्री ने बताया कि केंद्रीय सिविल सेवा (अवकाश) नियम, 1972 के तहत कर्मचारियों को प्रति वर्ष 30 दिन की अर्जित छुट्टी (Earned Leave), 20 दिन की अर्धवेतन छुट्टी (Half Pay Leave), 8 दिन की आकस्मिक छुट्टी (Casual Leave) और 2 दिन का प्रतिबंधित अवकाश (Restricted Holiday) लेने की सुविधा है। इनका उपयोग कर्मचारी बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल सहित किसी भी निजी कार्य के लिए कर सकते हैं।

इसके अलावा, कर्मचारियों को मातृत्व, पितृत्व, गोद लेने, बीमारियों, अध्ययन और नाविकों के लिए विशेष अवकाश का भी प्रावधान है। महिला कर्मचारियों को दो से कम बच्चों की स्थिति में 180 दिन तक का मातृत्व अवकाश, और पुरुष कर्मचारियों को 15 दिन तक का पितृत्व अवकाश मिलता है।

प्रत्येक कर्मचारी का एक ‘लीव अकाउंट’ होता है, जिसमें जनवरी और जुलाई में छुट्टियों का अपडेट किया जाता है। जरूरी होने पर कुछ छुट्टियों को जोड़ा भी जा सकता है। सरकार का यह कदम कार्य संतुलन और परिवारिक जिम्मेदारियों के प्रति एक संवेदनशील नीति की ओर संकेत करता है।

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