नई दिल्‍ली: देश की राजधानी दिल्‍ली के लोगों पर दिवाली का जश्‍न भारी पड़ता नजर आ रहा है। दिवाली की रात पटाखे जलाने और अन्य कारणों से बढ़े प्रदूषण के कारण त्योहार के दो दिन बाद भी दिल्ली की हवा खतरनाक श्रेणी में बनी हुई है। इसके अलावा दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक के स्तर ने नया रिकॉर्ड बना लिया। पिछले 5 साल में पहली बार दिल्ली का AQI लेवल 533 पर पहुंचा है।इससे पहले 2016 में दिल्ली का AQI लेवल 431 दर्ज किया गया था।साफ है कि इस बार इसमें 100 से ज्‍यादा अंकों की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

बता दें कि दिवाली से पहले ही दिल्‍ली की हवा में सांस लेना मुश्किल था, लेकिन पर्व के दिन पटाखों पर बैन के बाद भी हुई आतिशबाजी ने हवा को और जहरीला बना दिया है। हालांकि इसमें पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं की भी अहम भूमिका है। वैसे राजधानी के प्रदूषण पर नजर रखने वाली मानक संस्था सफर ने अपनी रिपोर्ट में पहले ही कहा था कि पिछले वर्षों के मुकाबले अगर इस साल 50 फीसदी भी पटाखों का इस्तेमाल किया गया, तो दिल्ली की हवा खतरनाक श्रेणी में पहुंच जाएगी।दिवाली के बाद दिल्ली समेत आसपास के इलाकों के आसमान में धुंध छायी हुई है, जो कि आज भी दिखाई दे रही है।

दिल्‍ली का ऐसा रहा दिवाली के बाद हाल
दिवाली के आसपास राजधानी की हवा खतरनाक स्तर पर पहुंचती रही है। यही वजह है कि वर्ष 2016 में दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक लेवल 431 तक चला गया था. इसके एक साल के बाद इसमें कमी आई और 2017 में यह 319 रहा, हवा की गुणवत्ता तब भी हानिकारक श्रेणी में ही बनी रही। साल 2018 में 7 नवंबर को वायु गुणवत्ता सूचकांक 281 रहा, वहीं वर्ष 2019 में 27 अक्टूबर को यह 337 दर्ज किया गया। इसके एक साल बाद 2020 में 14 नवंबर को दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक 414 था, जो नया रिकॉर्ड बना। लेकिन इस बार दिवाली के दूसरे दिन वायु गुणवत्ता सूचकांक के स्तर ने पुराने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए और यह 531 पर पहुंच गया। वहीं, कुछ घंटों के अंतराल के बाद इसने एक बार फिर नया रिकॉर्ड कायम कर लिया है और यह 533 के लेवल पर पहुंच गया है, जो कि अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है।

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