नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज गुरुवार को अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत देशभर में पुनर्विकसित किए गए 103 रेलवे स्टेशनों का उद्घाटन करेंगे। यह भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण की दिशा में ऐतिहासिक और अभूतपूर्व कदम है। यही कारण है कि इसे भारतीय रेल इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए एक नया युग कहा जा रहा है। भारत सरकार के पत्र एवं सूचना कार्यालय (पीआईबी) ने प्रधानमंत्री मोदी के आज के कार्यक्रम को 20 और 21 मई को जारी विज्ञप्ति में साझा किया है।

देश के 86 जिलों में 103 पुनर्विकसित अमृत भारत रेलवे स्टेशनों का किया जाएगा उद्घाटन

जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी आज राजस्थान के बीकानेर से देश के 18 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 86 जिलों में 103 पुनर्विकसित अमृत भारत रेलवे स्टेशनों का उद्घाटन करेंगे। पीएम मोदी आज राजस्थान के दौरे पर रहेंगे।

क्या है अमृत भारत स्टेशन योजना ?

अमृत भारत स्टेशन योजना भारत भर के रेलवे स्टेशनों को चरणबद्ध तरीके से बेहतर बनाने की दीर्घकालिक योजना है। इस योजना के तहत, प्रत्येक स्टेशन के लिए विस्तृत योजना बनाई जाती है और प्रत्येक स्टेशन की जरूरतों के आधार पर चरणबद्ध तौर पर काम किया जाता है।

कब हुई थी इस योजना की शुरुआत ?

अमृत भारत स्टेशन योजना की शुरुआत 2021 में हुई थी, जब गांधीनगर आधुनिकीकरण से गुजरने वाला पहला रेलवे स्टेशन बना, जिसमें सभी आधुनिक सुविधाएं और एक पांच सितारा होटल था। बाद में उसी वर्ष, रानी कमलापति रेलवे स्टेशन ने एक नया रूप धारण किया, जिसे पहले हबीबगंज के नाम से जाना जाता था।

क्या है योजना का लक्ष्य ?

इसका लक्ष्य स्टेशनों को अधिक स्वच्छ, अधिक आरामदायक और उपयोग में आसान बनाना है । इसमें प्रवेश और निकास द्वार, प्रतीक्षालय, शौचालय, प्लेटफॉर्म और छत को बेहतर बनाना शामिल है। जहां भी जरूरत होगी, वहां लिफ्ट, एस्केलेटर और मुफ्त वाई-फाई जैसी सुविधाएं जोड़ी जाएंगी। यात्रियों की मदद के लिए बेहतर संकेत और सूचना प्रणाली भी होगी। कुछ स्टेशनों में एग्जीक्यूटिव लाउंज और बिजनेस मीटिंग के लिए विशेष स्थान होंगे।

1,300 से अधिक स्टेशनों को आधुनिक सुविधाओं के साथ किया जा रहा पुनर्विकसित

पीआईबी के अनुसार, प्रधानमंत्री की देश में रेल अवसंरचना को निरंतर बेहतर बनाने की अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप इन 103 स्टेशनों को पुनर्विकसित किया गया है। अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत 1,300 से अधिक स्टेशनों को आधुनिक सुविधाओं के साथ पुनर्विकसित किया जा रहा है।

103 पुनर्विकसित अमृत भारत रेलवे स्टेशनों के नाम

महाराष्ट्र में उद्घाटन किए जा रहे अमृत स्टेशन हैं आमगांव, चांदा फोर्ट, चिंचपोकली, देवलाली, धुले, केडगांव, लासलगांव, लोनंद जंक्शन, माटुंगा, मुर्तिजापुर जंक्शन, नेताजी सुभाष चंद्र बोस इतवारी जंक्शन, परेल, सावदा, शाहद, वडाला रोड।

उत्तर प्रदेश में बलरामपुर, बरेली शहर, बिजनोर, फतेहाबाद, गोला गोकर्णनाथ, गोवर्धन, गोविंदपुरी, हाथरस सिटी, ईदगाह आगरा जंक्शन, इज्जतनगर, करछना, मैलानी जंक्शन, पुखरायां, रामघाट हॉल्ट, सहारनपुर जंक्शन, सिद्धार्थनगर, सुरेमनपुर, स्वामीनारायण छपिया, उझानी का उद्घाटन किया जाएगा।

तमिलनाडु में चिदंबरम, कुलितुरई, मन्नारगुडी, पोलूर, सामलपट्टी, श्रीरंगम, सेंट थॉमस माउंट, तिरुवन्नामलाई, वृद्धाचलम जंक्शन जैसे स्टेशन भी अमृत भारत स्टेशन योजना का हिस्सा हैं, जिसका उद्घाटन पीएम करेंगे।

गुजरात में जिन अमृत स्टेशनों का उद्घाटन किया जा रहा है, वे हैं: डाकोर, डेरोल, हापा, जामवंतली, जामजोधपुर, कनालुस जंक्शन, करमसद, कोसांबा जंक्शन, लिंबडी, महुवा, मीठापुर, मोरबी, ओखा, पालीताना, राजुला जंक्शन, समाखियाली, सिहोर जंक्शन, उतरन कटनी साउथ, नर्मदापुरम, ओरछा, सिवनी, शाजापुर, मध्य प्रदेश में श्री धाम स्टेशनों का भी उद्घाटन किया जाएगा।

अमृत भारत स्टेशन योजना में क्षेत्रीय वास्तुकला समाहित

अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत पुनर्विकसित रेलवे स्टेशन क्षेत्रीय वास्तुकला को प्रतिबिंबित करने और यात्री सुविधाओं को बढ़ाने के लिए डिजाइन किया गया है। करणी माता मंदिर में आने वाले तीर्थयात्रियों और पर्यटकों की सेवा करने वाला देशनोक रेलवे स्टेशन मंदिर वास्तुकला, मेहराब और स्तंभ विषयवस्तु से प्रेरित है। तेलंगाना में बेगमपेट रेलवे स्टेशन काकतीय साम्राज्य की वास्तुकला से प्रेरित है। बिहार में थावे स्टेशन में 52 शक्तिपीठों में से एक मां थावेवाली का प्रतिनिधित्व करने वाले विभिन्न भित्ति चित्र और कलाकृतियां शामिल हैं। मधुबनी पेंटिंग को भी दर्शाया गया है। गुजरात का डाकोर स्टेशन रणछोड़राय जी महाराज से प्रेरित है।

यह रेलवे इन्फ्रास्ट्रक्चर एक नया कीर्तिमान स्थापित करेगा

इसके अलावा देश भर में पुनर्विकसित अमृत भारत रेलवे स्टेशनों में सांस्कृतिक विरासत के साथ आधुनिक बुनियादी ढांचे, दिव्यांगजनों के लिए यात्री-केंद्रित सुविधाओं और यात्रा के अनुभव को बेहतर करने के लिए टिकाऊ प्रथाओं को एकीकृत किया गया है। यह रेलवे इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित करेगा।

अमृत भारत रेलवे स्टेशन सिद्ध होंगे देश के ‘विकास का प्रवेश द्वार’

अमृत भारत रेलवे स्टेशन देश के ‘विकास का प्रवेश द्वार’ सिद्ध होंगे। यात्री अब अधिक सुगम, सुरक्षित और विश्वस्तरीय सुविधाओं से युक्त आनंददायक यात्रा का अनुभव करेंगे। केवल इतना ही नहीं, इन स्टेशनों के माध्यम से व्यापार, पर्यटन और रोजगार के नए अवसर भी निर्मित होंगे।

व्यापार, पर्यटन और रोजगार के मिलेंगे नए अवसर

अमृत भारत रेलवे स्टेशन पर ‘एक स्टेशन एक उत्पाद’ योजना के तहत कियोस्क पर स्थानीय उत्पाद बेचे जाएंगे और स्टेशनों को हरा-भरा और अधिक आकर्षक बनाने का प्रयास किया जाएगा। ‘एक स्टेशन एक उत्पाद’ अवधारणा का उद्देश्य देश भर के रेलवे स्टेशनों पर डिस्पले और बिक्री आउटलेट प्रदान करके भारत के स्वदेशी और विशिष्ट उत्पादों एवं शिल्प को प्रोत्साहित करना है। यह उत्पाद उस स्थान के लिए विशिष्ट होंगे, जिसमें स्वदेशी जनजातियों द्वारा बनाई गई कलाकृतियां, स्थानीय बुनकरों द्वारा हथकरघा, हस्तशिल्प, चिकनकारी और जरी-जरदोजी का काम या मसाले चाय, कॉफी और अन्य प्रसंस्कृत/अर्ध प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ/उत्पाद शामिल होंगे, जो क्षेत्र में स्वदेशी रूप से उगाए जाते हैं।

उल्लेखनीय है कि अमृत भारत स्टेशन योजना भारत के रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर को बदलने की दिशा में एक बड़ा कदम है, ताकि एक बढ़ते और आधुनिक राष्ट्र की जरूरतों को पूरा किया जा सके। यात्रियों के लिए आराम,स्थानीय संस्कृति, स्थिरता और बेहतर कनेक्टिविटी पर ध्यान केंद्रित करके, यह योजना रेलवे स्टेशन की पहचान को फिर से परिभाषित कर रही है। अब ये स्टेशन सिर्फ ट्रेन पकड़ने की जगह नहीं रह गए हैं, बल्कि ये स्टेशन स्वच्छ, सुलभ और जीवंत स्थान बन रहे हैं, जो अपने शहरों की भावना को दर्शाते हैं। यह योजना समावेशी और भविष्य के लिए तैयार विकास के लिए सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाती है। भारतीय रेल सिर्फ लोगों को आगे नहीं बढ़ा रहा है, यह एक विजन के साथ आगे बढ़ रहा है।

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