चंचल सिं

सूरजपुर: जिले के प्रतापपुर जनपद अंतर्गत जरही उप तहसील के बगड़ा गांव में शासकीय और वन भूमि पर अवैध कब्जे का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि सत्ता के रसूखदार व्यक्ति ने राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत से लगभग 12 एकड़ भूमि अपने नाम करा ली है, जिसमें वन भूमि भी शामिल है।

ग्रामीणों का कहना है कि इस पूरे प्रकरण में तत्कालीन नायब तहसीलदार तेजू यादव की भूमिका संदिग्ध है। तेजू यादव पूर्व में इसी गांव में पटवारी भी रह चुके हैं और उन्हीं के कार्यकाल में उक्त भूमि का फर्जी पट्टा बनवाया गया है। ग्रामीणों ने कलेक्टर और आयुक्त कार्यालय में शिकायत पत्र देकर कार्रवाई की मांग की है।शिकायतकर्ताओं के अनुसार, यह भूमि राजस्व रिकॉर्ड में खसरा नंबर 2303, 2306, 2356/3 एवं री-नंबरिंग 1257/1 से 18 तक दर्ज है, जिसे सरगुजा सेटलमेंट में शासकीय (जंगल) भूमि के रूप में मान्यता प्राप्त है। बावजूद इसके, बंदोबस्त त्रुटि सुधार का सहारा लेकर इस पर पट्टा जारी किया गया।


राजनीतिक संरक्षण बना कार्रवाई में बाधा

ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया है कि उक्त भूमि पर कब्जा करने वाले व्यक्ति को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है, जिसके चलते अधिकारी निष्पक्ष जांच नहीं कर पा रहे हैं। यहां तक कि एक बार जांच के लिए गए तहसीलदार ने कथित कब्जाधारी के घर बैठकर ही पंचनामा तैयार कर दिया था।


ग्रामीणों ने दी कार्यालय घेराव की चेतावनी

गांव के सरपंच, उपसरपंच समेत दर्जनों ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि 5 दिनों के भीतर प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की, तो वे कलेक्टर कार्यालय का घेराव करेंगे। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि यदि रसूखदारों को नियमों को दरकिनार कर पट्टा दिया जा सकता है, तो वर्षों से शासकीय भूमि पर निवासरत गरीब ग्रामीणों को भी वैसा ही पट्टा दिया जाना चाहिए।



जनदर्शन में हो चुकी है शिकायत

बताया गया है कि यह शिकायत 28 अप्रैल 2025 को जनदर्शन में प्रस्तुत की गई थी, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। ग्रामीणों को अब जिले के कलेक्टर से उम्मीद है कि वे जल्द से जल्द इस मामले में संज्ञान लेंगे और दोषियों पर सख्त कार्रवाई करेंगे।

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