अंबिकापुर;  होली क्रॉस वीमेंस कॉलेज के समाज कार्य विभाग एवं राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (छत्तीसगढ़) के संयुक्त तत्वावधान में 28 और 29 नवंबर को “इमोशनल वेल-बीइंग फॉर यंग माइंड्स” विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ दीप प्रज्वलन, अतिथियों के स्वागत एवं पौधा भेंट कर किया गया।कार्यशाला की अध्यक्षता महाविद्यालय की उप-प्राचार्य डॉ. सि. मंजू टोप्पो ने की। मेडिकल ऑफिसर (DMHP) डॉ. विमल चंद्र पैकरा एवं अन्य अतिथियों का सम्मान शॉल और मोमेंटो भेंट कर किया गया।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता नर्स अधिकारी (रायगढ़)  पी. अतीत राव ने युवा अवस्था में भावनात्मक संतुलन की महत्ता पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने कहा कि यही उम्र व्यक्तित्व विकास और निर्णय क्षमता को मजबूत बनाती है।पहले दिन छात्राओं को आत्म-जागरूकता, भावनाओं की पहचान, प्रबंधन, तनाव से निपटने की रणनीतियाँ और भावनात्मक लचीलापन विकसित करने के तरीकों पर प्रशिक्षण दिया गया। साथ ही संचार कौशल, नेतृत्व क्षमता, सकारात्मक सोच और संघर्ष समाधान जैसे महत्वपूर्ण पक्षों पर मार्गदर्शन प्रदान किया गया।

मोनो एक्ट और इमोशन रेगुलेशन का प्रशिक्षण

कार्यशाला के दूसरे दिन की शुरुआत बी.कॉम की छात्राओं द्वारा मानसिक अस्वस्थता से संबंधित मोनो एक्ट प्रस्तुति से हुई। पूरे सत्र के दौरान रिसोर्स पर्सन द्वारा छात्राओं को अपनी भावनाओं को नियंत्रित और संतुलित रखने की प्रक्रिया समझाई गई।कार्यक्रम के समापन पर उप-प्राचार्य डॉ. मंजू टोप्पो ने मुख्य रिसोर्स पर्सन  पी. अतीत राव को सम्मानित किया और छात्राओं को कार्यशाला से प्राप्त ज्ञान को जीवन में अपनाकर मानसिक रूप से स्वस्थ रहने की शुभकामनाएँ दीं।

इस दो दिवसीय कार्यशाला में जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम टीम से डॉ. विमल चंद्र पैकरा, पूनम नीलू तिग्गा,  सृष्टि चौरसिया,  मनोज बिसेन एवं प्रवीण कुमार की सक्रिय भूमिका रही।कार्यशाला की संयोजक अलमा मिंज, सहायक प्राध्यापक (समाज कार्य विभाग) रहीं। कार्यक्रम का संचालन पूर्णिमा अग्रहरि (अंग्रेजी विभाग) ने किया।विशेष सहयोग  प्रेरणा लकड़ा, अंजना (समाज कार्य विभाग) तथा  चंदा यादव व  मनीषा राजवाड़े (भूगोल विभाग) का रहा।

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