

अंबिकापुर: राजीव गांधी शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय अंबिकापुर में प्राणी शास्त्र एवं वनस्पति विभाग द्वारा दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ हुआ। महाविद्यालय स्वशासी योजना अंतर्गत रिसर्च अनुदान एवं छत्तीसगढ़ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के संयुक्त तत्वधान में आयोजित कॉन्फ्रेंस ‘रीसेंट एडवांस इन बायोलॉजिकल साइंसेज 2025’ विषय पर की जा रही है। उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में प्रोफेसर एम.एल. नायक प्रसिद्ध जीव विज्ञानी एवं सेवानिवृत्ति विभागाध्यक्ष पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ अरविंद गिरोलकर, सेवानिवृत प्राचार्य गवर्नमेंट डी वी गर्ल्स पीजी कॉलेज रायपुर व बीज वक्ता के रूप में प्रोफेसर एल.बी.के.एस. भास्कर, गुरु घासीदास सेंट्रल विश्वविद्यालय बिलासपुर उपस्थित रहे । उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता प्रो. अनिल कुमार सिन्हा, प्रभारी प्राचार्य एवं समन्वयक आइक्यूएसी ने की।

कार्यक्रम में स्वागत उद्बोधन प्रोफेसर अनिल कुमार सिन्हा ने दिया और विषय प्रवेश सम्मेलन की संयोजक डॉ कविता कृष्णमूर्ति ने किया। प्रोफेसर एम.एल. नायक ने आयोजन समिति के उत्साह को सराहा एवं कार्यक्रम की सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि वनस्पति और जीव जंतुओं से ही पृथ्वी का नाम जीव जगत के रूप में विख्यात हुआ । नवीन रिसर्च से न केवल पर्यावरण अपितु वर्तमान सभ्यता के विकास के लिए भी जीवविज्ञानियों का महत्वपूर्ण रोल है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रो अनिल सिन्हा ने कहा कि मानव सभ्यता जिन खतरों को आज महसूस कर रही है उससे निजात दिलाने में वनस्पति विज्ञान एवं प्राणी शास्त्र दोनों के आधुनिक शोध की भूमिका महत्वपूर्ण है | धरती को बचाने एवं पर्यावरणीय संकट की वास्तविक पहचान करने की जिम्मेदारी जीव विज्ञानियों और उनके रिसर्च का है। उद्घाटन सत्र में धन्यवाद ज्ञापन कांफ्रेंस की संयोजक डॉ. मोहिनी भारद्वाज ने किया जबकि कार्यक्रम का संचालन रश्मित कौर एवं डॉ हर्षदीप धंजल ने किया।
इस कार्यक्रम के प्रथम तकनीकी सत्र में डॉ. अरविंद गिरॊलकर की अध्यक्षता में प्रो आरती परगनिहा, विभागाध्यक्ष, लाइव साइंस,पंडित रविशंकर विश्वविद्यालय रायपुर एवं डॉ विजय प्रमाणिक, इंदिरा गांधी केंद्रीय जनजाति विश्वविद्यालय अमरकंटक ने सेमिनार में संबंधित विषय पर अपना व्याख्यान दिया। इस सत्र का संचालन डॉ अरुणिमा दत्ता ने किया जबकि द्वितीय तकनीकी सत्र की अध्यक्षता प्रोफेसर एच.डी. महार विभागाध्यक्ष वनस्पति शास्त्र राजीव गांधी शास स्नातकोत्तर महाविद्यालय अंबिकापुर ने की जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में डॉ अरविंद गिरोलकर ने अपनी प्रस्तुति दी साथ ही डॉ कौशल त्रिपाठी ने भी अपने विचार साझा किये।
इस संपूर्ण कार्यक्रम के आयोजन में वनस्पति विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर एच.डी. महार व प्राणीशास्त्र की विभागाध्यक्ष डॉ जेरमिना तिर्की के साथ-साथ आयोजन समिति के सदस्य डॉक्टर दीपिका टोप्पो, श्रीमती गिरिजा सिंह, अनुजा कुजूर ,डॉ आशीष मिश्रा डॉ शिवानी गुप्ता के साथ-साथ महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापकों के साथ-साथ बड़ी संख्या में महाविद्यालय के प्राध्यापक गण, अन्य महाविद्यालयों के प्राध्यापक गण, रिसर्च स्कॉलर, स्नातक एवं स्नातकोत्तर के छात्र उपस्थित रहे। दो दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में देश- विदेश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के विषय विशेषज्ञों के व्याख्यान होंगे साथ ही इसमें अनेक राष्टों व् राज्यों के शोधर्थीं शोधपत्र प्रस्तुत करेंगे |






















