

एमसीबी: त्रिस्तरीय पंचायत आम निर्वाचन 2025 के दौरान शराब सेवन कर निर्वाचन कर्तव्य स्थल पर पहुँचना दो सहायक शिक्षकों को भारी पड़ गया। मनेन्द्रगढ़ विकासखण्ड के इन दोनों शिक्षकों पर कड़ी विभागीय कार्रवाई करते हुए सेवा समाप्ति (डिसमिस) का आदेश जारी कर दिया गया है। यह कार्रवाई कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर द्वारा जारी आदेश के बाद की गई, जिसमें स्पष्ट कहा गया कि चुनाव कर्तव्य के दौरान अनुशासनहीनता किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है।
घटना 19 फरवरी 2025 की है, जब ग्राम लालपुर स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में निर्वाचन सामग्री वितरण स्थल पर तैनात सहायक शिक्षक अशोक कुमार सिंह, अभय कुजूर और शिक्षक सुनील कुमार टोप्पो शराब सेवन की स्थिति में पहुंचे थे। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मनेन्द्रगढ़ के सहायक चिकित्सा अधिकारियों ने तीनों के मद्यपान की पुष्टि की। तत्पश्चात कलेक्टर ने घटना की गंभीरता को देखते हुए उसी दिन सभी तीनों को निलंबित कर दिया। इसके बाद 4 मार्च 2025 को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम-14 के तहत विभागीय जांच शुरू की गई, जिसमें अपर कलेक्टर जांच अधिकारी तथा जिला शिक्षा अधिकारी प्रस्तुतकर्ता अधिकारी बनाए गए।
जांच के दौरान 23 जुलाई 2025 को अशोक कुमार सिंह और अभय कुजूर न्यायालय में भी मद्यपान की स्थिति में पहुंचे, जिसकी दोबारा चिकित्सीय पुष्टि हुई। 13 अक्टूबर 2025 को प्रस्तुत विभागीय जांच प्रतिवेदन में दोनों शिक्षकों के विरुद्ध आरोप सिद्ध पाए गए, जबकि सुनील कुमार टोप्पो को आरोपों से मुक्त कर दिया गया। दोनों अपचारी शिक्षकों से कारण बताओ नोटिस का जवाब भी मांगा गया, लेकिन उनका उत्तर संतोषजनक नहीं पाया गया। जांच में यह भी स्थापित हुआ कि दोनों ने स्वयं मद्यपान स्वीकार किया, जो छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 23 का स्पष्ट उल्लंघन है।
इन तथ्यों के आधार पर 14 नवम्बर 2025 को दोनों शिक्षकों की सेवा समाप्त करने का आदेश जारी किया गया। कलेक्टर कार्यालय एवं जिला दंडाधिकारी के आदेश क्रमांक 6960/वाचक/2025 दिनांक 17 नवंबर 2025 के परिपालन में जिला शिक्षा अधिकारी ने 24 नवम्बर 2025 को अभय कुजूर, सहायक शिक्षक, शा.प्रा.शा. चुक्तीपानी तथा अशोक कुमार सिंह, सहायक शिक्षक, शा.प्रा.शा. हरकाटनपारा को नियम 10 की उपधारा (9) के अंतर्गत सेवा से पदच्युत कर दिया गया। वहीं शिक्षक सुनील कुमार टोप्पो का प्रकरण पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है।
प्रशासन का सख्त संदेश-लोकतांत्रिक दायित्वों में लापरवाही नहीं होगी बर्दाश्त
प्रशासन ने स्पष्ट कहा है कि निर्वाचन ड्यूटी देश का सर्वोच्च लोकतांत्रिक दायित्व है और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही, अव्यवहारिकता या अनुशासनहीनता को लेकर कोई नरमी नहीं बरती जाएगी। यह निर्णय नहीं अन्य कर्मचारियों के लिए भी एक कड़ा संदेश है कि निर्वाचन कार्य के दौरान आचरण हीनता पर तत्काल और कठोर कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।






















