
बलरामपुर। बलरामपुर जिले के सामरीपाठ पुलिस ने फर्जी नक्सली बैनर-पोस्टर लगाकर दहशत फैलाने और वसूली करने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी ईस्लाम अंसारी (35) और आबिद खलिफा (38) ने खुद को माओवादी बताकर सड़क निर्माण कार्य रोकने और पुलिस, फॉरेस्ट विभाग व ठेकेदारों में डर का माहौल बनाने की कोशिश की थी।
कैसे हुआ मामले का खुलासा?
4 फरवरी 2025 को सहायक अभियंता योगेश नागेश ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि 3 फरवरी को पुंदाग, चरहू, पीपरढाबा रोड निर्माण स्थल पर लाल कपड़ों में लिखे नक्सली बैनर मिले थे। इन बैनरों में सड़क निर्माण और जंगल कटाई रोकने, पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी और माओवादी संगठन का नाम लिखा था। इससे ठेकेदारों और मजदूरों में भय का माहौल बन गया था।
पुलिस अधीक्षक बैंकर वैभव रमनलाल के निर्देशन में मामले की जांच शुरू हुई। गांववालों से पूछताछ के बाद पता चला कि इलाके में नक्सलियों की कोई गतिविधि नहीं थी जिससे शक गहराया कि यह किसी स्थानीय व्यक्ति की हरकत हो सकती है। जांच के दौरान ईस्लाम अंसारी और आबिद खलिफा पर संदेह हुआ। पुलिस ने कई बार पूछताछ के लिए बुलाया, लेकिन वे बचते रहे। आखिरकार, घेराबंदी कर दोनों को पकड़ा गया। कड़ाई से पूछताछ करने पर ईस्लाम अंसारी ने कबूल किया कि उसने झारखंड के बरगढ़ से लाल कपड़ा, पेंट, ब्रश और सेलो टेप खरीदा था।इसके बाद दोनों ने मिलकर अटल चौक, गोठान, दुमुहान नदी और चरहू मस्जिद के पास फर्जी नक्सली बैनर लगाए, ताकि इलाके में डर का माहौल बनाया जा सके और पैसे वसूले जा सकें। पुलिस ने बरामद लाल कपड़े,पेंट, ब्रश और माओवादी संगठन का लेटर पैड,घटना में इस्तेमाल की गई मोटरसाइकिल बरामद की ।सामरीपाठ पुलिस ने छत्तीसगढ़ विशेष जन सुरक्षा अधिनियम की धारा 8(1), 8(3) और 8(5) के तहत मामला दर्ज कर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
इस कार्रवाई में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विश्वदीपक त्रिपाठी और एसडीओपी कुसमी ईम्मानुएल लकड़ा के निर्देशन में थाना प्रभारी सामरीपाठ और उनकी टीम ने अहम भूमिका निभाई।