छत्तीसगढ़ की राजनीति एक बार फिर उबाल पर है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी को लेकर प्रदेश में माहौल गरमा गया है। कांग्रेस ने अब खुलकर मोर्चा खोलते हुए 22 जुलाई को दोपहर 12 बजे से राज्यव्यापी चक्का जाम और आर्थिक नाकेबंदी का ऐलान किया है।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने स्पष्ट किया है कि यह आंदोलन राज्य के सभी जिलों, प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों और मुख्य मार्गों को प्रभावित करेगा। रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, राजनांदगांव, अंबिकापुर और जगदलपुर जैसे बड़े शहरों में यातायात अवरुद्ध रहने की आशंका है।

कांग्रेस का आरोप है कि चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी राजनीतिक द्वेष के तहत की गई है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसे लोकतंत्र पर हमला करार देते हुए कहा, “यह भाजपा सरकार की बदले की कार्रवाई है, हम चुप नहीं बैठेंगे।”

पार्टी ने इस आंदोलन को ‘लोकतंत्र बचाओ आंदोलन’ का नाम दिया है। इसमें कांग्रेस के विधायक, पार्षद, कार्यकर्ता और वरिष्ठ नेता शामिल होंगे। जनता से भी इस आंदोलन में भाग लेने की अपील की गई है।

इस बीच, राज्य पुलिस और प्रशासन ने सतर्कता बढ़ा दी है। संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त बल की तैनाती की गई है। आम नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे 22 जुलाई को गैर-ज़रूरी यात्रा से बचें और वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करें।

चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी और कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में नया मोड़ ला दिया है। आने वाले दिनों में इसके राजनीतिक प्रभाव पर सभी की नजरें रहेंगी।

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