

अंबिकापुर: छत्तीसगढ़ शासन के राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण, रायपुर के निर्देशानुसार आज रविवार को सरगुजा जिले में राज्यव्यापी महापरीक्षा अभियान सफलतापूर्वक आयोजित किया गया। यह परीक्षा कलेक्टर विलास भोसकर संदीपान के मार्गदर्शन तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सरगुजा विनय कुमार अग्रवाल के नेतृत्व में आयोजित की गई। परीक्षा सुबह 10:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक चली।
जिला साक्षरता मिशन प्राधिकरण द्वारा इस महापरीक्षा में 24,414 परीक्षार्थियों का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें सायं 4:00 बजे तक 16,258 नवसाक्षर परीक्षार्थी उपस्थित हुए। जिलेभर में परीक्षा को महोत्सव जैसा माहौल मिला,गांवों में शिक्षार्थियों का उत्साह देखते ही बनता था। कई परीक्षा केन्द्रों में एक ही परिवार से सास-बहू, पति-पत्नी, देवरानी-जेठानी समेत 60 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिक भी शामिल हुए। कई महिलाओं ने अपने छोटे बच्चों को साथ लेकर परीक्षा दी, जो उनके शिक्षा के प्रति समर्पण का प्रतीक है।
केंद्रीय जेल अम्बिकापुर में भी बना परीक्षा केन्द्र
वरिष्ठ परिवीक्षा एवं कल्याण अधिकारी वाणी मुखर्जी ने बताया कि केंद्रीय जेल अम्बिकापुर में भी परीक्षा केन्द्र स्थापित किया गया था, जहाँ 219 नवसाक्षर बंदियों ने उत्साहपूर्वक परीक्षा दी।केंद्र की व्यवस्था का निरीक्षण जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. दिनेश कुमार झा, अपर कलेक्टर अमृत लाल ध्रुव, सहायक संचालक अनिल अग्रवाल, गिरीश गुप्ता, एम. सिद्धिकी (निदेशक जन शिक्षा संस्थान) सहित कई अधिकारियों द्वारा किया गया। जेलर कत्लाम, केन्द्राध्यक्ष तिरदा टोप्पो एवं पर्यवेक्षक दिगम्बर सिंह का विशेष सहयोग रहा।
466 परीक्षा केन्द्रों में उत्साह के साथ आयोजित परीक्षा
जिले में कुल 466 परीक्षा केन्द्र बनाए गए थे, जिनमें दोपहर 4 बजे तक 14,648 शिक्षार्थियों ने परीक्षा दी।
विकासखंड स्तर पर भी प्रशासनिक अधिकारियों ने महापरीक्षा की निरंतर मॉनिटरिंग की।
बतौली में प्राचार्य DIET के.सी. गुप्ता,लखनपुर में सर्वजीत पाठक (DMC),उदयपुर में रविशंकर तिवारी (सहायक संचालक),लुंड्रा में रमेश सिंह,मैनपाट में सुनिल तिवारी,अम्बिकापुर एवं सीतापुर में गिरीश गुप्ता,पूरे जिला स्तर पर जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. दिनेश कुमार झा,राज्य स्तर से अखिलेश तिवारी, सहायक संचालक सभी ने परीक्षा की गुणवत्ता और संचालन पर विशेष ध्यान दिया।
जिला परियोजना अधिकारी गिरीश गुप्ता ने बताया कि यह महापरीक्षा 15 वर्ष से अधिक उम्र के उन शिक्षार्थियों के लिए आयोजित की गई थी,जो लंबे समय से शिक्षा की मुख्य धारा से दूर थे, जिन्होंने विद्यालय छोड़ा थाया जिन्होंने उल्लास प्रवेशिका के 07 पाठ या 200 घंटे की पढ़ाई पूरी की थी
महापरीक्षा अभियान के सभी केन्द्रों की गतिविधियों की सतत निगरानी कंट्रोल प्रभारी रजनीश मिश्रा और अभिलाष खरे द्वारा की गई और समय-समय पर रिपोर्ट राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण को भेजी गई।
जिले में आयोजित यह महापरीक्षा न केवल साक्षरता बढ़ाने का प्रयास है, बल्कि शिक्षा के माध्यम से समाज में सकारात्मक परिवर्तन का महत्वपूर्ण कदम भी है। बड़ी संख्या में नवसाक्षरों, महिलाओं, दिव्यांगजनों, वरिष्ठ नागरिकों और जेल बंदियों की सहभागिता इस अभियान की सफलता और प्रभाव का प्रमाण है।






















