

अंबिकापुर। सरगुजा जिले के थाना सीतापुर क्षेत्र में एक नाबालिग बालक द्वारा बताई गई लूट और अपहरण की घटना जांच में फर्जी साबित हुई है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार अग्रवाल (भा.पु.से.) के निर्देशन में सीतापुर थाना पुलिस व साइबर सेल की टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मात्र कुछ ही दिनों में मामले की सच्चाई उजागर कर दी।
जांच के दौरान पुलिस ने लगभग 50 सीसीटीवी फुटेज का अवलोकन किया, जिसमें नाबालिग स्वयं घटनास्थल पर जाता हुआ दिखाई दिया। विस्तृत जांच और पूछताछ के बाद यह स्पष्ट हुआ कि बालक ने घर देर से पहुंचने के डर से अपने साथ लूट और अपहरण की झूठी कहानी गढ़ी थी। पुलिस ने उसकी निशानदेही पर स्कूल बैग और मोटरसाइकिल को बरामद कर लिया है।
जानकारी के अनुसार 6 अक्टूबर 2025 को सीतापुर थाना क्षेत्र के एक नाबालिग बालक ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि ट्यूशन जाते समय छह अज्ञात व्यक्तियों ने उसकी मोटरसाइकिल लूट ली और उसे जबरन एक पिकअप वाहन में अपहरण कर जंगल में छोड़ दिया। इस शिकायत पर पुलिस ने अपराध क्रमांक 396/25 धारा 137(2), 310(2) बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया था।
घटना की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी ने तीन अलग-अलग टीमों का गठन कर जांच के आदेश दिए। पुलिस ने घटना स्थल का निरीक्षण, इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य का विश्लेषण और सीसीटीवी फुटेज का बारीकी से अध्ययन किया।जांच में पता चला कि आरोपी बताए गए वाहन का पिकअप महाराष्ट्र के पुणे का है, और घटना के समय वह वाहन लगातार मार्ग पर था, कहीं रुका नहीं था।
इसी दौरान बालक के बयान बार-बार बदलने लगे, जिससे पुलिस को संदेह हुआ। सघन पूछताछ पर नाबालिग ने सच्चाई बताई कि एक माह पहले किसी अज्ञात व्यक्ति ने उसे फोन पर 64 लाख की इनामी लॉटरी जीतने की बात कही थी और धर्मजयगढ़ बुलाया था। बालक ट्यूशन जाने के बहाने वहां पहुंचा, पर फोन बंद मिला। घर देर से लौटने के डर से उसने अपने मोटर सायकल व स्कूल बैग को लुड़ेग मार्ग पत्थलगांव के एक किराना दुकान के पास छोड़कर दूसरे बाइक से लिफ्ट मांगकर चिखलीपानी के जंगल के पास रुककर खुद ही लूट और अपहरण की कहानी बना ली।पुलिस टीम ने नाबालिग के निशानदेही पर स्कूल बैग व मोटर सायकल को बरामद किया है।
इस पूरे खुलासे में थाना प्रभारी निरीक्षक सी.आर. चन्द्रा, साइबर सेल प्रभारी निरीक्षक विवेक सेंगर, उप निरीक्षक रघुनाथ राम भगत, सहायक उप निरीक्षक अजीत मिश्रा, प्रधान आरक्षक भोजराज पासवान, नीरज पाण्डेय, आरक्षक मनीष सिंह, अशोक यादव, अनुज जयसवाल, एवं राकेश यादव की सक्रिय भूमिका रही।





















