रायपुर। छत्तीसगढ़ में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर धान बेचने और केंद्र-राज्य की कृषि योजनाओं का लाभ लेने से किसानों को कोई वंचित नहीं किया जाएगा। राज्य में करीब साढ़े तीन लाख किसानों के एग्रीस्टैक पंजीयन में आ रही दिक्कतों के चलते अब यह पंजीयन सीएससी की बजाय स्थानीय सोसाइटियों में कराया जाएगा। यह व्यवस्था 10 सितंबर 2025 से लागू होगी।

एग्रीस्टैक एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है जिसे भारत सरकार ने कृषि क्षेत्र के लिए शुरू किया है। इसके तहत किसानों को भूमि रिकॉर्ड, आय, फसल और बीमा से संबंधित जानकारी दर्ज करानी होती है। यह मंच किसानों के लिए सरकारी योजनाओं और डिजिटल सेवाओं तक पहुंच को आसान बनाता है।

छत्तीसगढ़ में अब तक 22 लाख 40 हजार किसानों का पंजीयन हो चुका है। पिछले साल धान बेचने वाले किसानों की संख्या लगभग 25 लाख 49 हजार थी। ऐसे में बची हुई करीब साढ़े तीन लाख किसानों को 10 सितंबर से अपने क्षेत्र की सोसाइटियों में जाकर पंजीयन कराने की सुविधा मिलेगी। सोसाइटियों में यह काम इसलिए आसान होगा क्योंकि उनके पास किसानों का मौजूदा डेटा पहले से उपलब्ध है।

पिछले दिनों किसानों को यह डर था कि पंजीयन न होने पर वे MSP या योजनाओं का लाभ नहीं ले पाएंगे। खासकर उन ग्रामीण और नगर पंचायत क्षेत्रों के किसानों का पंजीयन बाधित था, जिन्होंने हाल ही में जमीन खरीदी है या किसी सरकारी योजना का लाभ नहीं लिया। अब सोसाइटियों के माध्यम से यह परेशानी दूर हो जाएगी और सभी किसान डिजिटल प्लेटफॉर्म के लाभ उठा पाएंगे।

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