

बलरामपुर।बलरामपुर जिले के धंधापुर पंचायत में पौधारोपण के नाम पर भ्रष्टाचार की खबर प्रकाशित होने के बाद रोजगार गारंटी योजना के अधिकारी गांव पहुंचे और उन्होंने मौके का जायजा लिया, जहां पर ग्रामीणों के द्वारा बताया गया कि इस जमीन पर दो बार अलग-अलग योजनाओं के तहत पौधे लग चुका है। जिसमें पहली बार रतनजोत के पौधे लगे थे। उसके बाद अर्जुन के पौधे दूसरी योजना के तहत एनजीओ के माध्यम से लगाया गया लेकिन मौके पर अभी पूरा मैदान खाली पड़ा हुआ है। मतलब साफ है कि पहले बड़े स्तर पर गड़बड़ी की गई, इतना ही नहीं गांव वालों ने यह भी बताया कि यहां पर गोठान योजना के तहत भी कई पौधे लगाए गए थे जो अब यहां नहीं है। अधिकारियों ने अब जानकारी दी है कि मैदान खाली होने की वजह से यहां पर उद्यान विभाग के द्वारा 1100 से अधिक पौधे लगाए जाएंगे मतलब प्रकाशित खबर पर अब प्रशासन ने भी मुहर लगा दी है लेकिन सवाल उठ रहा है कि आखिर अब लाखों रुपए खर्च कर लगाए जा रहे पौधों की हालत भी वही न हो इसके लिए विभाग कितना गंभीर है। दूसरी तरफ मौके पर पहुंचे अधिकारी सिर्फ खानापूर्तिकर कुछ लोगों से बातचीत कर वापस लौट आए अधिकारियों ने यह नहीं बताया है कि अब तक जो पौधे यहां पर लगे और बर्बाद हो गए जिन पर लाखों रुपए खर्च हुए उसकी जांच कब होगी और जब जांच होगी तो उस पर क्या कार्यवाही की जाएगी, जांच कब पूरी होगी तमाम ऐसे सवाल हैं जिनका जवाब प्रशासन की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति में नहीं बताया गया है। यही वजह है कि प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठ रहा है।

उद्यान विभाग अधिकारी ने सरकारी विज्ञप्ति में जानकारी दी है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत पंजीकृत परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराने हेतु वर्ष 2025-26 की कार्ययोजना में शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि मनरेगा अंतर्गत विकासखण्ड राजपुर के ग्राम पंचायत धंधापुर में तीन वर्ष में 1125 फलदार पौधों का रोपण उद्यानिकी विभाग द्वारा क्रियान्वयन किया जाएगा। जिसके लिए प्रशासकीय स्वीकृति भी प्राप्त हो चुकी है। उन्होंने बताया कि पौधों की सुरक्षा के लिए डीएमएफ से फेंसिंग एवं सिंचाई की व्यवस्था की जाएगी।























