अंबिकापुर। होली क्रॉस वीमेंस कॉलेज में  “जनजातीय समाज का गौरवशाली अतीत : ऐतिहासिक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक योगदान” विषय पर एक दिवसीय भव्य प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का नेतृत्व महाविद्यालय की उप प्राचार्य डॉ. मंजू टोप्पो ने किया।

कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम्’और छत्तीसगढ़ के राजगीत ‘अरपा पैरी के धार’ के सामूहिक गायन से हुई। दीप प्रज्वलन और महान जनजातीय विभूतियों के चित्रों पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। प्रार्थना गीत की सुमधुर प्रस्तुति ने पूरे माहौल को आध्यात्मिक रंग में रंग दिया।उप प्राचार्य डॉ. टोप्पो ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में अतिथियों का स्वागत करते हुए प्रदर्शनी के उद्देश्य पर प्रकाश डाला और जनजातीय संस्कृति के संरक्षण और संवर्द्धन की महत्ता पर जोर दिया।

कार्यक्रम में छात्राओं द्वारा प्रस्तुत करमा नृत्य ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके बाद अतिथियों को स्मृति–चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि  इंदर भगत(प्रदेश प्रवक्ता, जनजाति गौरव समाज एवं सह संयोजक, जनजाति सुरक्षा मंच) ने प्रदर्शनी का औपचारिक उद्घाटन किया।

छात्राओं द्वारा छत्तीसगढ़ की प्रमुख जनजातियों की कला–संस्कृति को दर्शाती प्रदर्शनी का मुख्य अतिथि और उपस्थित जनों ने अवलोकन किया और इसकी सराहना की। अपने उद्बोधन में श्री भगत ने कहा आदिवासी संस्कृति देश की सर्वोत्तम संस्कृतियों में से एक है, जो प्रकृति संरक्षण का अनोखा संदेश देती है। हमें इसे सहेजना और अगली पीढ़ी तक पहुंचाना होगा।

इस कार्यक्रम के सफल संयोजन की जिम्मेदारी अलमा मिंज ने निभाई, जबकि सह–संयोजन रागिनी ब्रिजिट लकड़ा द्वारा किया गया। मंच संचालन  साबिर अली ने किया।इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के शिक्षक–कर्मचारी और बड़ी संख्या में छात्राएं शामिल हुईं, जिनकी उत्साहपूर्ण सहभागिता से आयोजन सफल रहा।

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