सूरजपुर/अम्बिकापुर: सूरजपुर के जिले  के भैयाथान तहसील में पदस्थ तहसीलदार संजय राठौर को बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई का सामना करना पड़ा है। उन पर आरोप है कि उन्होंने सांठगांठ कर एक जीवित महिला शैल कुमारी दुबे को मृत दिखाते हुए उसकी निजी भूमि का गलत तरीके से नामांतरण कर सौतेले पुत्र के पक्ष में विक्रय कर दिया। इस गंभीर शिकायत पर जांच के बाद सरगुजा संभागायुक्त नरेन्द्र कुमार दुग्गा ने प्रथम दृष्टया दोषी पाते हुए तहसीलदार राठौर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।

जानकारी के अनुसार आवेदिका शैल कुमारी दुबे ने दिनांक 26 मई 2025 को शिकायत प्रस्तुत कर बताया कि तहसीलदार संजय राठौर द्वारा सांठगांठ कर उन्हें मृत दर्शाते हुए उनकी निजी स्वामित्व की भूमि (खसरा क्रमांक 45/3, रकबा 0.405 हे.) जिसका रिनंबरिंग में नया खसरा नंबर 344 है, जिसका अनुचित नामांतरण और विक्रय किया गया।आवेदिका की शिकायत पर अपर कलेक्टर सूरजपुर एवं तहसीलदार लटोरी की संयुक्त टीम द्वारा जांच की गई। जांच रिपोर्ट क्रमांक 99/अ.कले./2025, दिनांक 09.06.2025 के अनुसार  संजय राठौर द्वारा जीवित आवेदिका को मृत बताकर उनकी भूमि का नामांतरण सौतेले पुत्र  वीरेन्द्रनाथ दुबे के पक्ष में किया गया, जोकि प्रथम दृष्टया अनैतिक माना गया।

प्रारंभिक जांच में श्री राठौर को अपने पदीय दायित्वों के प्रति गंभीर लापरवाही और स्वेच्छाचारिता का दोषी पाए जाने पर छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम-3 का उल्लंघन माना गया है। फलस्वरूप, उन्हें छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के तहत नियम 9(1)(क) के अंतर्गत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है।निलंबन अवधि में श्री राठौर को नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी, तथा इस अवधि के लिए उनका मुख्यालय कार्यालय कलेक्टर, बलरामपुर-रामानुजगंज नियत किया गया है।

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