नई दिल्ली: ऑनलाइन फूड डिलीवरी ऐप जोमैटो और एचडीएफसी पेंशन ने डिलीवरी पार्टनर्स के लिए ‘एनपीएस प्लेटफॉर्म वर्कर्स मॉडल’ शुरू किया है, ताकि उन्हें औपचारिक सेवानिवृत्ति लाभों तक पहुंच प्रदान की जा सके। इस मॉडल को औपचारिक रूप से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 अक्टूबर को पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में पेश किया था। जोमैटो ने एक बयान में कहा, ‘‘ जोमैटो के साथ काम करने वाले 30,000 से ज्यादा डिलीवरी पार्टनर्स ने इस पेशकश के शुरू होने के 72 घंटों के अंदर अपने पीआरएएन (स्थायी सेवानिवृत्ति खाता संख्या) बना लिए हैं। जोमैटो 2025 के अंत तक एक लाख से ज्यादा डिलीवरी पार्टनर्स को उनके एनपीएस सेवानिवृत्ति खातों के साथ सक्षम करने के लिए प्रतिबद्ध है।’’

डिलीवरी पार्टनर्स में लगभग न के बराबर है सेवानिवृत्ति बचत दर

जोमैटो गिग-फर्स्ट मॉडल पर काम करता है, जो वित्त वर्ष 26 की पहली तिमाही तक औसतन 5,09,000 स्वतंत्र मासिक सक्रिय डिलीवरी पार्टनर्स को सपोर्ट करता है। नीति आयोग की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में प्लेटफॉर्म कर्मचारियों की संख्या वित्त वर्ष 2029-30 तक बढ़कर 2.35 करोड़ होने का अनुमान है। वर्तमान में, इन कर्मचारियों के लिए जागरूकता के साथ-साथ औपचारिक सेवानिवृत्ति लाभों तक पहुंच के मामले में एक अंतर मौजूद है, जिसकी वजह से कार्यबल के इस विशिष्ट वर्ग में सेवानिवृत्ति बचत दर लगभग न के बराबर है।

गिग वर्कर्स भी सेवानिवृत्ति की योजना बनाने में होंगे सक्षम

एचडीएफसी पेंशन के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ श्रीराम अय्यर ने कहा, ‘‘ सभी लोगों की औपचारिक सेवानिवृत्ति योजना साधनों तक पहुंच नहीं होती। ‘एनपीएस प्लेटफॉर्म वर्कर्स मॉडल’ के माध्यम से ऐसे लोग अब अपनी रिटायरमेंट से जुड़ी योजना बनाना शुरू कर सकते हैं। ये मॉडल न सिर्फ उन्हें अपनी सेवानिवृत्ति की योजना बनाने में सक्षम बनाता है, बल्कि हमारी आबादी के एक बड़े हिस्से को दीर्घकालिक वित्तीय सुरक्षा के दायरे में लाने में भी योगदान देता है।’’

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