
बलरामपुर / राजपुर । एनएच 343 का खस्ताहाल हालत जग जाहिर है।बड़े बड़े गड्ढों और धूल से अंबिकापुर से पस्ता और बलरामपुर से रामानुजगंज तक जर्जर सड़क पर चलना मुश्किल हो गया है। अंबिकापुर से पस्ता महान नदी तक सड़क बड़े बड़े गड्ढों में तब्दील हो गई है, आए दिन दुर्घटनाएं घटित हो रही हैं। सड़क दुर्घटनाओं में कई लोंगो की मौत हो चुकी है। काफी जोर आजमाइश और मशक्कत के बाद एन एच विभाग जागा भी तो सिर्फ खानापूर्ति करने लगे। विभाग के द्वारा आगामी बरसात की तैयारी ऐसी है कि सड़कों के बड़े बड़े गड्ढों पर मिट्टी और क्रेशर डस्ट और गिट्टी डाल दिया गया जो पहली ही बारिश में धूल जायेगी। गुणवत्ता और दीर्घकालिक स्थायित्व को लेकर कोई ठोस योजना नहीं बनाई गई।

मिट्टी और क्रेशर डस्ट गिट्टी से भरे गड्ढे, पहली बारिश में ही धूल जायेगी
एनएच विभाग द्वारा सड़कों की मरम्मत और राहत कार्य के तहत किए गए कार्यों पर सवाल उठने लगे हैं। विभाग ने गड्ढों को भरने के लिए मिट्टी, क्रशर डस्ट और गिट्टी का प्रयोग तो कर लिया, लेकिन गुणवत्ता और दीर्घकालिक स्थायित्व को लेकर कोई ठोस योजना नहीं बनाई गई।

स्थानीय लोगों के अनुसार, यह खानापूर्ति मात्र है, क्योंकि यह अस्थायी उपाय पहली ही बारिश में बह जाएगा। इससे जहां सड़कें फिर से खराब हो जाएंगी, वहीं उड़ती धूल के कारण दोपहिया चालकों और पैदल यात्रियों की मुश्किलें और बढ़ जाएंगी। बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर भी इसका बुरा असर पड़ सकता है।दोपहिया चालकों ने बताया कि दिन के समय तेज धूप में धूल का गुबार आंखों में जाता है और बारिश में सड़क फिसलनभरी हो जाती है, जिससे दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है। वहीं कुछ लोगों ने विभाग की इस कार्यप्रणाली को ‘कागजी मरम्मत’ बताया है।

गागर और गेउर नदी पुलिया जर्जर, नहीं है रेलिंग, कभी भी घट सकती है अप्रिय घटना
गागर और गेउर नदी का पुलिया काफी पुराना और जर्जर हो चुका हैं, बड़े बड़े गड्ढों से अवागमन तो मुश्किल हुआ ही है साथ ही पुलिया में रेलिंग आधी टूट पड़ी है, रेलिंग नहीं होने के कारण कभी भी अप्रिय घटना घट सकती है। एक तो बड़े बड़े गड्ढे ऊपर से धुल और अंधेरे से दुर्घटनाओं की संभावनाएं बढ़ जाती है। स्थानीय नागरिकों और राहगीरों को प्रतिदिन जान हथेली पर रखकर गुजरना पड़ रहा है।
अंबिकापुर शंकरघाट से पस्ता और बलरामपुर से रामानुजगंज तक सड़क हुआ गड्ढों में तब्दील
अंबिकापुर शंकरघाट से पस्ता, बलरामपुर से रामानुजगंज तक, राजपुर गेउर नदी किनारे, झींगों से भेड़ाघाट, परसागुड़ी, परसा से शंकरघाट तक सड़क गड्ढों में तब्दील हो गई है। वाहनों के चक्के गड्ढे में घुस रहे है जिससे आए दिन सड़क दुर्घटनाएं हो रही है साथ ही वाहनों में भी टूट फूट के कारण नुकसान हो रहा है। इसके जिम्मेदार कौन हैं प्रशासन या एनएच विभाग के अधिकारी-कर्मचारी, विभाग के अधिकारी-कर्मचारी शांत बैठ मौत के आंकड़े गिन रहे है।
अंबिकापुर से रामानुजंगज तक सड़क पर मंत्री, विधायक, अफसर व विभाग के अधिकारी-कर्मचारी महंगे लक्जरी गाड़ियों में चलते है इसलिए उन्हें जर्क का एहसास नहीं होता। बारिश होने के कारण सड़क गड्ढों में तब्दील हो गई है। एनएच 343 अंबिकापुर रामानुजगंज नाका से रामाजुनगंज तक पेंच रिपेयरिंग कार्य ठेकेदारों के द्वारा निम्नस्तर का कराया गया था। पेंच रिपेयरिंग सड़क बनते के साथ उखंडना चालू हो गया था आज सड़क बड़े-बड़े गड्डों में तब्दील हो गई है।
राजपुर एसडीएम राजीव जेम्स कुजूर ने बात करने हुए बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग के द्वारा अस्थाई व्यवस्था कराई जा रही है जहां पर सड़क चलने योग्य नहीं है वहां पर प्राथमिक स्तर पर गड्ढों को भरने का कार्य किया जा रहा है। आगामी 2 वर्षों के अंदर अंबिकापुर से रामानुजगंज तक सड़क का निर्माण कार्य पूरा करना है, निर्धारित समय सीमा के अंदर निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा।